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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ मेले में भीड़ नियंत्रण को तैनात होंगे 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी

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प्रयागराज। महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है। इसमें विभिन्न फोर्सेज को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है। महाकुंभ मेले के दौरान घुड़सवार पुलिस कर्मी हर समय मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे और पेट्रोलिंग करते रहेंगे।

महाकुंभ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रयागराज आने की संभावना है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचेंगे। विशेषकर प्रमुख स्नान की तिथियों पर एक समय में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और संगम के घाट पर रहेंगे। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने भी जोरदार तैयारी की हुई है और एक व्यापक कार्ययोजना बनाई है।

मेला सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार प्रदेश की विभिन्न पुलिस लाइन्स में घुड़सवार पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग कराई गई है। इस बार महाकुंभ में 180 घुड़सवार पुलिसकर्मी भीड़ नियंत्रण को लेकर तैनात किए जाएंगे। अधिकारी के अनुसार यह घुड़सवार कर्मी पैदल सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मियों से ज्यादा कारगर साबित होते हैं। खासकर घोड़े पर बैठा पुलिस का जवान ऊंचाई पर रहने के कारण अधिक दूरी तक नजर बनाए रखने में सक्षम होता है। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति को देखते ही वह न सिर्फ खुद बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों को मैसेज भेजकर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए नियत स्थान पर पहुंच सकता है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घुड़सवार पुलिस के जवान का एक मनोवैज्ञानिक असर भी भीड़ पर होता है। कम बल लगाकर ही वो अधिक भीड़ को नियंत्रित करने में सक्षम होता है। महाकुंभ में तैनात होने वाले घोड़े का नामकरण भी किया गया है। इन्हें महाराजा, चेतन, बाहुबली जैसे नाम दिए गए हैं। सभी प्रशिक्षित घुड़सवार जवानों को मेला प्रारंभ होने से पहले पूरे क्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि उन्हें क्षेत्र की विस्तार से जानकारी हो जाए।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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