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उत्तराखंड

अंकिता भंडारी मर्डर: प्रेसिडेंशियल सुइट में स्पेशल सर्विस के लिए ठहरते थे VIP

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अंकिता भंडारी

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ऋषिकेश। देवभूमि उत्तराखंड के अंकिता भंडारी मर्डर केस में नित नए खुलासे हो रहे हैं। ऋषिकेश के जिस वनंत्रा रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी काम करती थी, वहां आने वाले वीआईपी गेस्ट स्पेशल सर्विस के लिए प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरते थे।

रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ में एसआईटी को पता चला है कि उनकी आगंतुक रजिस्टर में एंट्री नहीं की जाती थी। अब उनके ठहरने की मियाद के दौरान क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों से एसआईटी उनका पता लगाने की कोशिश करेगी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में स्पेशल सर्विस के लिए वनंत्रा रिजॉर्ट आने वाले वीआईपी गेस्ट की पहचान के लिए एसआईटी पर लगातार दबाव बन रहा है। इन्ही वीआईपी गेस्ट को स्पेशल सर्विस देने के लिए पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा व रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसका निजी सहायक अंकित, अंकिता भंडारी पर दबाव डाल रहे थे।

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अंकिता के इंकार करने पर आरोपियों ने उसे नहर में धक्का देकर मरने के लिए छोड़ दिया था। इसी कड़ी में रिजॉर्ट के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से एसआईटी ने लंबे समय तक पूछताछ की। पूछताछ में सामने आने वाले वीआईपी गेस्ट के नामों का मिलान विजिटर रजिस्टर से किया।

आरोपियों की रिमांड समाप्त होने के बाद अब एसआईटी ने जांच वीआईपी गेस्ट पर केंद्रित कर दी है। कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरते हैं।

एसआईटी अब प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरने वाले वीआईपी गेस्ट से पूछताछ शुरू करेगी। इनमें कुछ सफेदपोश और रसूखदार भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसमें एसआईटी को कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं, क्योंकि वनंत्रा रिजॉर्ट में आने वाले कई वीआईपी गेस्ट और कॉल गर्ल के नंबर विजिटर रजिस्टर में दर्ज नहीं किए जाते थे। रिजॉर्ट की पूर्व कर्मचारी इशिता ने यह खुलासा किया था।

एसआईटी ने दावा किया है कि इस दौरान आरोपियों और रिजॉर्ट कर्मचारियों से पूछताछ के बाद टीम ने घटना के कई पुख्ता साक्ष्य एकत्र किए हैं। आरोपियों की निशानदेही पर भी घटनाक्रम से जुड़े कई सुबूत मिले हैं।

एसआईटी के अनुसार, आरोपियों को रिमांड पर लेकर उसी दिन उनको घटनास्थल पर ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया गया था। इस दौरान महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मिले हैं। एसआईटी अंकिता की हत्या के पीछे आरोपियों के मकसद का भी पता चलने की बात कह रही है। एसआईटी के अनुसार अभी तक जो भी साक्ष्य और गवाह मिले हैं, वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का समर्थन कर रहे हैं। घटना से पहले रिजॉर्ट में अंकिता के साथ ज्यादा मारपीट नहीं हुई थी।

एसआईटी ने मामले में संदिग्ध भूमिका को लेकर पटवारी वैभव प्रताप सिंह से पूछताछ की। इससे घटनाक्रम से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं। एसआईटी ने अंकिता के मित्र पुष्पदीप, अंकिता से घटना के दौरान बात करने वाले रिजॉर्ट कर्मचारी करण, अंकिता के चीखने के दौरान मौके पर मौजूद कर्मचारी अभिनव समेत सभी मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कर लिए हैं।

डीआईजी एवं एसआईटी प्रभारी पी. रेणुका देवी के अनुसार एसआईटी को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। पटवारी, कर्मचारी और अंकिता के मित्र से पूछताछ के बाद बयान दर्ज कर लिए गए हैं। रिजॉर्ट के प्रेसिडेंशियल सुइट में ठहरने वाले मेहमानों को वीआईपी कहा जाता था। अब एसआईटी वीआईपी गेस्ट के एंगल पर ही जांच कर रही है। जांच काफी आगे बढ़ गई है। आगे जैसे-जैसे साक्ष्य मिलेंगे, कार्रवाई की जाएगी।

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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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