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Bihar MLC Election Result: सभी 24 सीटों पर परिणाम घोषित, यहां पढ़ें विजयी उम्मीदवारों की लिस्ट

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स्थानीय कोटे से 24 सीटों पर हुए विधान परिषद चुनाव में बागियों ने सभी दलों का खेल बिगाड़ दिया। चुनावी मैदान में जाने से पहले जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों ने अपने कुछ उम्मीदवार तो बदल दिए, लेकिन बागी बनकर चुनावी मैदान में उतरे लोग दलों पर भारी पड़े। चार बागियों ने निर्दलीय जीत हासिल कर बता दिया कि पार्टी उन्हें दरकिनार भी करती है तो वे अपने बलबूते चुनाव जीतने में सक्षम हैं। बागियों के खेल में सबसे अधिक नुकसान राजद को हुआ है।

राजद ने नवादा से श्रवण कुमार को उम्मीदवार बनाया। वहां राजद के पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के परिवार से अशोक यादव निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। नतीजतन, राजद उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा और अशोक यादव बागी होकर भी निर्दलीय चुनाव जीत गए। इसी तरह राजद ने मोतिहारी में बबलू देव को उम्मीदवार बनाया तो महेश्वर सिंह बागी होकर चुनावी मैदान में उतर गए। राजद उम्मीदवार हार गए और बागी निर्दलीय महेश्वर सिंह को जीत हासिल हुई।

मधुबनी में राजद ने मेराज आलम को टिकट दिया तो राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव चुनावी मैदान में उतर गईं। मेराज को हार का सामना करना पड़ा और अंबिका चुनाव जीत गईं। वहीं भाजपा ने सारण से सच्चिदानन्द राय का टिकट काटकर धर्मेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया। लेकिन भाजपा प्रत्याशी होने के बावजूद धर्मेंद्र सिंह चुनाव हार गए और बागी बनकर चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय उम्मीदवार सच्चिदानंद राय को जीत हासिल हुई।

वहीं कुछ ऐसी सीटें भी रहीं जहां बागियों के प्रयास नाकाम रहे। बांका-भागलपुर से जदयू के विजय सिंह चुनावी मैदान में उतरे तो पार्टी के बेलहर से विधायक मनोज यादव की पत्नी सिंपल यादव चुनावी मैदान में उतर गईं। लेकिन सिंपल देवी को मात मिली। कई ऐसी सीटें रहीं जहां अपनों के भितरघात का नुकसान राजनीतिक दलों को उठाना पड़ा।

मधुबनी में पिछली बार भाजपा के सुमन कुमार चुनावी मैदान में थे। इस बार जदयू के विनोद सिंह चुनावी मैदान में उतरे थे। जदयू को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा है कि उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के कारण सुमन कुमार के समर्थक खासा नाराज थे जिसका खामियाजा जदयू को उठाना पड़ा।

बेगूसराय में भाजपा के रजनीश कुमार चुनावी मैदान में मात खा गए। उनको हराने में भाजपा के ही कुछ कद्दावर नेता लगे हुए थे। वहीं, दरभंगा में भाजपा उम्मीदवार सुनील चौधरी को हराने के लिए एनडीए के कुछ नेता एंड़ी-चोटी एक किए हुए थे पर उन्हें निराशा हाथ लगी। सुनील चौधरी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। मुजफ्फरपुर से एक बार फिर जीत हासिल करने वाले जदयू के दिनेश सिंह के नाम सबसे अधिक बार जीतने का रिकॉर्ड बन गया। वे चौथी बार चुनाव जीते।

बड़े दलों के कई दग्गज हारे

राजनीति के दिग्गज खिलाड़ियों में कई इस बार उच्च सदन में नहीं दिखेंगे। इनमें चौंकाने वाली हार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज बबलू की पत्नी नूतन सिंह का है। पिछली बार लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में फतह हासिल करने वाली नूतन इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं। इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता रजनीश कुमार भी चुनावी मैदान में मात खा गए। जदयू कोटे से मनोरमा देवी, सलमान रागीब, संजय प्रसाद को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा। राजद के सुबोध राय व दिलीप राय को चुनावी मैदान में पटकनी मिली।

किस सीट से कौन उम्मीदवार जीते

सीट 2022 में जीते                  2015 में जीते

1. पटना कार्तिकेय सिंह (राजद)  रीतलाल यादव (निर्दलीय)
2. नालंदा रीना यादव (जदयू)      रीना यादव (जदयू)
3.गया-जहानाबाद-अरवल कुमार नागेंद्र (राजद) मनोरमा देवी (जदयू)
4.औरंगाबाद दिलीप सिंह (भाजपा) राजन कुमार सिंह (भाजपा)
5.नवादा अशोक यादव (निर्दलीय) सलमान रागीव (जदयू)
6. भोजपुर-बक्सर राधाचरण साह (जदयू) राधाचरण साह (राजद)
7.रोहतास-कैमूर संतोष कुमार सिंह (भाजपा) संतोष कुमार सिंह (भाजपा)
8. सारण सच्चिदानंद राय (निर्दलीय) सच्चिदानंद राय (भाजपा)
9. सीवान विनोद अग्रवाल (राजद) टूना जी पांडेय (भाजपा)
10. गोपालगंज राजीव सिंह (भाजपा) आदित्य नारायण(भाजपा)
11. पं चंपारण कुमार सौरव (राजद) राजेश राम (कांग्रेस)
12. पूर्वी चंपारण महेश्वर सिंह (नि.)- आगे राजेश कुमार (भाजपा)
13. मुजफ्फरपुर दिनेश प्रसाद सिंह (जदयू) दिनेश प्रसाद सिंह (जदयू)
14. वैशाली भूषण राय (रालोजपा) सुबोध कुमार (राजद)
15. सीतामढ़ी-शिवहर रेखा देवी (जदयू) दिलीप राय (राजद)
16. दरभंगा सुनील चौधरी (भाजपा)- आगे सुनील सिंह (भाजपा)
17. समस्तीपुर तरूण कुमार (भाजपा) हरिनारायण चौधरी (भाजपा)
18. मुंगेर-जमुई-लखीसराय-शेखपुरा अजय कुमार सिंह (राजद) संजय प्रसाद (राजद)
19. बेगूसराय-खगड़िया राजीव कुमार (कांग्रेस)- आगे रजनीश कुमार (भाजपा)
20. सहरसा-मधेपुरा- सुपौल अजय सिंह (राजद) नूतन सिंह (लोजपा)
21. भागलपुर- बांका विजय कुमार सिंह (जदयू) मनोज यादव (जदयू)
22. मधुबनी अंबिका यादव (निर्दलीय) सुमन कुमार (भाजपा)
23. पूर्णिया-अररिया-किशनगंज दिलीप जायसवाल (भाजपा) दिलीप जायसवाल(भाजपा)
24. कटिहार अशोक अग्रवाल (भाजपा) अशोक अग्रवाल (भाजपा)

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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