Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्य राज्य

पुरुलिया में तीन साधुओं से मारपीट पर बोले BJP नेता- पश्चिम बंगाल में हिंदू नहीं हैं सुरक्षित

Published

on

Bengal Purulia sadhus beaten case

Loading

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में भीड़ द्वारा साधुओं पर हमले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। आज भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने उन साधुओं से मुलाकात की है। भाजपा नेता ने साधुओं से मिलकर उनका सम्मान किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन में हिंदू होना अपराध है।

पुलिस ने बचाई थी साधुओं की जान

बता दें कि मकर संक्रांति पर स्नान के लिए गंगासागर जा रहे उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं को बंगाल के पुरुलिया जिले में भीड़ द्वारा पीटा गया था। पुलिस ने तीनों साधुओं को भीड़ से छुड़ाकर जान बचाई। पुलिस के अनुसार घटना गुरुवार देर शाम की है। तीनों साधु एक वाहन किराए पर लेकर गंगासागर जा रहे थे, इस दौरान वह पुरुलिया में रास्ता भटक गए। जिसके बाद उन्होंने तीन स्थानीय लड़कियों से रास्ते के बारे में पूछा, जिसपर तीनों चिल्लाते हुए भाग गईं।

12 लोग गिरफ्तार

स्थानीय लोगों को लगा कि उन्होंने लड़कियों को परेशान किया होगा, इसी शक में भीड़ ने तीनों साधुओं की जमकर पिटाई कर दी। घटना के सिलसिले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इंटरनेट मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें तीनों साधु हाथ जोड़कर भीड़ से जान बख्शने की गुहार लगा रहे हैं।

बंगाल में तुष्टीकरण का वातावरणः अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति का वातावरण खड़ा कर दिया गया है। एक कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंचे ठाकुर ने कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था तो उस दिन बंगाल में कर्फ्यू लगा दिया गया था, ताकि हिंदू जश्न न मना सकें।

उन्होंने गंगासागर मेले में जा रहे यूपी के तीन साधुओं की बंगाल के पुरुलिया जिले में हुई पिटाई का उल्लेख करते हुए कहा कि अब हिंदू साधुओं की पिटाई व उनकी हत्या तक की कोशिश की गई और राज्य सरकार मूकदर्शक बनी रही। जब मीडिया में यह घटना सामने आई तब जाकर पुलिस ने थोड़ी कारवाई की है।

शिवराज बोले- बंगाल में अराजकता चरम पर

पुरुलिया जिले में मारपीट का वीडियो सामने आने पर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ममता पर हमला बोला है। शिवराज ने कहा कि इस तरह की घटना अत्यंत निंदनीय और असहनीय है। मामले में सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता के कयास भी लगाए जा रहे हैं। बंगाल में अराजकता और आतंक अपने चरम पर है।

अन्य राज्य

सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

Published

on

Loading

राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

Continue Reading

Trending