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पांचों राज्यों में हार के बाद कांग्रेस की हुई बैठक, शीर्ष नेतृत्व ने कहा-‘राहुल गांधी पर भरोसा नहीं’

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पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी अपनी सफलता को लेकर जश्न मना रही हैं, वहीं कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी फिलहाल मंथन में जुटी है। खासकर कांग्रेस में तो लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर शीर्ष नेतृत्व पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब पांचों राज्यों के नतीजे आने के बाद आत्ममंथन के लिए जो बैठक हुई, उसमें कुछ बड़े नेताओं ने सीधे तौर पर राहुल गांधी को आड़े हाथों ले लिया। इन नेताओं का कहना था कि उन्हें राहुल के नेतृत्व पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।

रिपोर्ट्स की मानें तो जिस बैठक में ये बात कही गई, उसमें कांग्रेस के कई पदाधिकारी और बड़े नेता शामिल रहे। इनमें एक नाम राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा का रहा। इसके लिए सांसद कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह भी बैठक में शामिल रहे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुछ अन्य नेता इस मीटिंग से वर्चुअल तौर पर जुड़े थे।

बताया गया है कि बैठक के दौरान इन नेताओं ने कांग्रेस पर अस्तित्व के संकट का खतरा भी बताया और साफ किया कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए तो आगे पार्टी को अगर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इन नेताओं ने पंजाब में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी के उभार पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के बदलाव पार्टी को उन सभी राज्यों में हाशिए पर ढ़केल देंगे, जहां क्षेत्रीय दल आगे आ रहे हैं।

नतीजों का पहले से अंदाजा था

कांग्रेस के जी-23 ग्रुप से जुड़े हुए एक और वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनको तो पंजाब समेत अन्य राज्यों के परिणामों का पहले से ही अंदाजा था। उक्त नेता का कहना है कि जब तक पार्टी में चापलूस और नेतृत्व की आंखों में धूल झोंकने वाले लोगों को राइट टाइम नहीं किया जाता है तब तक पार्टी ऐसे ही बिखराव की ओर बढ़ती रहेगी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जी-23 से जुड़े नेताओं से हुई बातचीत के अनुसार यह था कि पंजाब में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो रही है और उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की मेहनत बेकार जा रही है।

कद्दावर नेताओं को नजरअंदाज किया गया

जी-23 ग्रुप से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर जिस तरीके से टिकट वितरण किया गया और पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तू-तू मैं-मैं हुई, उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का न सिर्फ मनोबल टूटा बल्कि उनको दूसरे बेहतर विकल्प भी मिले। वो कहते हैं कि चुनाव के दौरान पंजाब से पार्टी के बड़े नेताओं का अलग हो जाना भी पार्टी नेतृत्व की कमजोरी रही।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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