उत्तर प्रदेश
चुनाव आयोग की बेईमानी के कारण हारे हैं चुनाव: अखिलेश यादव का बड़ा आरोप
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इलेक्शन कमीशन की बेईमानी के कारण यूपी में चुनाव हारे हैं। उन्होंने कहा कि देश में अब कोई भी संस्थान निष्पक्ष बाकी नहीं रह गया है। सरकार दबाव डालकर इन संस्थानों से मनमाफिक काम करा रही है।
अखिलेश यादव ने आज गुरुवार को पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव और रामपुर तथा आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा की पराजय के लिए चुनाव आयोग की बेईमानी को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि अगर आयोग ने ईमानदारी से काम किया होता तो नतीजे कुछ और ही होते।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य का पिछला विधानसभा चुनाव लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ लड़ा था, मगर नतीजा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि देश में अब कोई भी निष्पक्ष संस्थान बाकी नहीं रह गया है। सरकार दबाव डालकर इन संस्थानों से मनमाफिक काम कराती है।
सपा कार्यकर्ताओं को वोट डालने नहीं दिया गया
यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बहुत बेईमानी की। बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिये गये। रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा कार्यकर्ताओं को वोट नहीं डालने दिया गया, जबकि आजमगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं को रेड कार्ड जारी किये गये। क्या चुनाव आयोग सो रहा था? उसने हमारी शिकायतों पर ध्यान ही नहीं दिया।
भाजपा के खिलाफ मजबूत विकल्प होगा तैयार
इसके साथ ही अखिलेश ने बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव को सकारात्मक संकेत बताते हुए उम्मीद जतायी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार होगा। उन्होंने दावा किया कि उप्र में भी बिहार की तरह भाजपा को झटका लगेगा। यहां भी भाजपा के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं और भविष्य में वे इस सत्तारूढ पार्टी से नाता तोड़ लेंगे।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस तथा कई अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाना एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं। देखिये, उन्हें (सहयोगी दलों को) आखिर क्या मिल रहा है। एक दिन वे सभी उसका (भाजपा का) साथ छोड़ जाएंगे।
गौरतलब है कि उप्र में अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी भाजपा के सहयोगी दल हैं। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का विकल्प तैयार करने में सपा की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार विकल्प तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इस वक्त हमारा ध्यान उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने पर है।
वर्ष 2019 में सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने उप्र की 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। बसपा को 10 और सपा को पांच सीटें मिली थी, जबकि रालोद का खाता नहीं खुल सका था। गत जून में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद सपा की सीटों की संख्या घटकर तीन रह गयी है।
संगठन को मजबूत करने पर पूरा ध्यान
पार्टी संगठन को मजबूत करने के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनका पूरा ध्यान पार्टी को मजबूत करने पर है और इसी साल दल का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है और उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
सपा अध्यक्ष ने बताया कि इस बार यह अभियान मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिये चलाया जा रहा है। इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी तैयारियां की जा रही हैं और इसके लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है।
कोरोना दूसरी डोज के आंकड़े फर्जी
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि कोविड-रोधी टीके की दूसरी डोज से जुड़े आंकड़े फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवाएं और डॉक्टर नहीं हैं। लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। राज्य के चिकित्सा विश्वविद्यालय में दलाल घूम रहे हैं, मंत्री और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समीक्षा बैठकों में व्यस्त हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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