साइंस
21 वर्ष की उम्र में कैसे दीखते थे भगवान श्री राम, AI ने बनाई मनमोहक तस्वीर
God Ram AI Image : सोशल मीडिया पर भगवान श्री राम की एक तस्वीर वायरल हो रही है, यूज़र्स द्वारा दावा किया जा रहा है की यह तस्वीर आर्टिफीसियल इंटेलेजन्स (AI) ने रामचरितमानस एवं कई ग्रंथो में दिए गए विवरण को समझ कर तैयार किया है। दावा है, मुस्कुराते हुए श्री राम की यह तस्वीर उनके 21 वर्ष के आयु की है।
AI इस वक्त दुनिया के लिए चर्चा का विषय बानी हुई है, इससे पहले AI ने ताज महल के निर्माण के वक्त की तस्वीर बनाई थी, जिसमें ताज महल का निर्माण और मजदूरों को दर्शाया गया था.आर्टिफीसियल इंटेलेजन्स इस वक्त चर्चे में इस लिए भी है, क्योंकि कई लोगों ने इसके विकास को लेकर डर जताया है।
हालांकि AI का विकास 2022 में नहीं हुआ, कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी के विकास के वक्त ही आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स तैयार हो गया था। आइए AI को विस्तार से समझते हैं।
क्या है Artificial Intelligence?
आसान भाषा में समझें तो Artificial Intelligence (AI) विज्ञान की एक शाखा है जो कम्प्यूटर साइंस और सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग को मिलाकर तैयार की गई है। यह कंप्यूटर को सोचने की क्षमता देता है। AI को विज्ञान कहा जाता है, जो मशीनों को सीखने, समझने और निर्णय लेने में सक्षम बनता है। AI विभिन्न ऐप्लिकेशन्स सेक्टर में उपयोग किया जाता है, जैसे स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, वित्तीय सेवाएँ, स्वायत्तता और विनिर्माण।
AI का क्या है इतिहास ?
Artificial Intelligence (AI) का इतिहास आज का नहीं है, 1950 में पहेली बार वैज्ञानिक जॉन मैककार्थी ने आर्टिफीसियल इंटेलेजन्स शब्द को प्रस्ताविक किया था, उस वक्त AI सिर्फ साधारण कमांड को समझ सकता था, हालांकि अब रोबॉट्स से लेकर स्मार्टफोन के कैमरा तक में AI का इस्तेमाल किया जाता है। आइए AI के विकास की Timeline पर एक नज़र डालते हैं।
1950s-1960s: Birth of AI : साल था AI के जन्म का जब वैज्ञानिक और गणितीय के शोधकर्ताओं ने विज्ञान की एक नई ब्रांच को जन्म दिया। यह Human Mind को Mimic कर सकती थी। इस दौरान, वैज्ञानिक जॉन मैककार्थी ने “AI” शब्द को पहली बार प्रस्तावित किया था, इसके बाद से न्यूरल नेटवर्क, जेनरल प्रॉब्लम सॉल्विंग, search-and-process जैसी तकनीक का विकास हुआ।
1960s-1970s: Context-Free Development : साल बदलता गया और आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स पर खोज बढ़ती गई, इस दौरान AI Context और Formal language के आधार पर विकसित हुआ, जिसमे लॉजिक (Logic) और बूलियन (Boolean based procedures) बड़े नाम थे।
1980s–1990s: Information communication and experience-based design : AI के लिए यह दशक काफ़ी महत्वपूर्ण रहा, कहा जाता है, इस वक्त AI को Knowledge representation और यूजर के experience representation के लिए तैयार किया गया। जिसके दौरान AI सिस्टम बनाया गया, यह AI का गोल्डन पीरियड के रूप में जाना जाता है।
2000s-2010s: Machine Learning And Deep Learning : इस दौरान, मशीन लर्निंग (machine learning) और डीप लर्निंग (deep learning) जैसी तकनीकों का विकास हुआ, जिसने AI को इंसानों के जीवन का अहम हिस्सा बना दिया। मशीन और डीप लर्निंग इस लिए भी काफ़ी ख़ास थी क्योंकि, ये तकनीकें डेटा से सीखकर और Algorithm को समझ कर स्वतंत्रता से निर्णय ले सकती थी, AI में हुए इस बदलाव से AI ग्लोबल स्टार पर इस्तेमाल किया जाने लगा, मार्किट में कई कंपनियों ने अपनी एप्लीकेशन तैयार की और एक अच्छे यूज़र एक्सप्रिएंस के लिए आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स का इस्तेमाल किया।
2020s Expansion And Growth – AI और मशीन लर्निंग तकनीकों का विस्तार और विकास चलता रहा,इसमें नई तकनीकें जैसे क्वांटम एआई (Quantum AI), एक्सप्लेनेबले एआई (Explainable AI), न्यूरल नेटवर्क (Neuromorphic Computing) और सिंबॉलिक एआई (Symbolic AI) जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से विकास हुआ।
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दुनिया के लिए ख़तरा है AI ?
#Opinion AI का दुनिया के लिए एक संभावित खतरा है, लेकिन इसका पूरी तरह से एक सामान्य निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। कुछ लोग AI के बढ़ते हुए उपयोग और प्रगति की वजह से खतरे को लेकर चिंतित हैं, जबकि दूसरे लोग उसके नई संभावनाओं और लाभों की दृष्टि से आशावादी हैं। कई लोगों का मानना है की AI से कई प्रकार की नौकरीओं पर संकट आएगा, हालांकि कुछ लोगों का कहना है की यह इंसानों के काम को आसान कर देगा, जिससे रोजगार पाने में मुश्किलें नहीं होंगी, AI Resume में एक स्किल्स के तौर पर काम आएगा।
उत्तर प्रदेश
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टॉप ट्रेंड हुआ डिजिटल महाकुम्भ हैशटैग
महाकुम्भनगर। महाकुम्भ 2025 को आस्था और आधुनिकता के महापर्व के तौर पर दिव्य-भव्य के साथ डिजिटल महाकुम्भ बनाने का संकल्प मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है। इस दिशा में मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अपने प्रयागराज दौरे पर स्वयं डिजिटल एक्सपीरिएंस सेंटर और डिजिटल मीडिया गैलरी का उद्घाटन किया।
इसके साथ ही डिजिटल महाकुम्भ के सभी सोपानों ने कार्य करना शुरू कर दिया। इसके चलते सोशल मीडिया पर #DigitalMahakumbh टॉप पर ट्रेंड करने लगा। हजारों लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डिजिटल मीडिया हैशटैग का उपयोग करते हुए पोस्ट करने लगे। इसमें लोग सीएम योगी के विजन और डिजिटल महाकुम्भ के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते नजर आए। यह इस बात का प्रतीक है कि देश के युवा अपनी पुरातन परंपरा और संस्कृति से किस कदर जुड़े हुए हैँ।
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