उत्तर प्रदेश
रामराज्य की नीव हैं सरकार की लोकहित की योजनाएं : प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह में बोले सीएम योगी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि डबल इंजन सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं रामराज्य की बुनियाद हैं। 500 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद जब प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, उससे पहले उनके राज्य के आदर्शों को अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में करोड़ों गरीबों के लिए घर, शौचालय, अन्न, स्वास्थ्य सुरक्षा समेत अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई हैं।
सीएम योगी मंगलवार शाम मानसरोवर रामलीला मैदान में श्री श्री रामलीला समिति, आर्यनगर की तरफ से आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी लोगों को विजयदशमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजयदशमी और दीपावली के आयोजन इस वर्ष के लिए विशेष हैं।
इस वर्ष में 500 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद भगवान राम अयोध्याधाम में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। यह पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि उसे यह दिव्य दृश्य देखने को मिलने जा रहा है। श्रीराम मंदिर के लिए लाखों लोग बलिदान हो गए। शांतिपूर्ण और हिंसक आंदोलन हुए। एक दौर तक न्याय का स्थान नहीं दिखता था। पर लोगों की सकारात्मकता के परिणाम से जब केंद्र व प्रदेश में एक विचारधारा की डबल इंजन सरकार बनी तो सौहार्दपूर्ण तरीके से भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने से पूर्व देश में पीएम मोदी ने 4 करोड़ गरीबों के आवास बनवाकर, 12 करोड़ शौचालय बनवाकर, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देकर, गरीबों को पांच लाख की स्वास्थ्य सुरक्षा देकर तथा आपदा में पांच लाख रुपये देने की व्यवस्था कर रामराज्य के आदर्शों को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीराम ने अधर्म, असत्य व अन्याय पर विजय प्राप्त कर रामराज्य की नींव रखी थी। विजयदशमी पर देश-दुनिया में बसने वाला हर सनातन धर्मावलंबी इसका स्मरण करता हुए प्रभु श्रीराम के बताए मार्ग पर चलने के संकल्प से खुद को जोड़ता है। विजयदशमी पर गांव-शहर, गली-मोहल्लों, अमीर-गरीब के आयोजन के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन सबका भाव भगवान श्रीराम के प्रति अगाध आस्था को पुष्ट करने वाला ही होता है।
सीएम योगी ने कहा कि सिर्फ त्रेता युग में ही रावण की उपस्थिति नहीं रही है बल्कि हर कालखंड में दैवीय शक्तियों के साथ, राक्षसी प्रवृत्तियां भी रही हैं। यदि सकारात्मक ताकतें एकजुट व मजबूत होकर सदमार्ग पर चलेंगी तो राष्ट्र व समाज के हित में धर्म, सत्य व न्याय की विजय होती रहेगी। यदि समाज में बिखराव हुआ या नकारात्मक शक्तियां हावी हुईं तो वह आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, माफियावाद, अराजकता आदि के रूप में दिखाई देती हैं। इसलिए समाज में सकारात्मकता और एकता को बढ़ावा देना सबकी जिम्मेदारी होती है।
जब सतसंकल्प के साथ सकारात्मकता और एकता के मार्ग का अनुसरण किया जाता है तो उसका परिणाम भी अच्छा होता है। अच्छी सोच का अच्छा तथा बुरी सोच का बुरा परिणाम आता है। इसलिए बुरा मत सोचें, सकारात्मक होकर चलें तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने और अच्छा परिणाम हासिल करने से नहीं रोक सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्प्रवृत्तियां के उन्मूलन के लिए हर कालखंड में भगवान को कभी राम, कृष्ण, नरसिंह तो कभी बुद्ध के रूप में अवतार लेना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने श्रीराम के आदर्श का सविस्तार उल्लेख करते हुए महर्षि वाल्मीकि के उद्धरण से कहा कि श्रीराम साक्षात धर्म के विग्रह हैं। और, धर्म केवल उपासना विधि नहीं है बल्कि जीवन का शाश्वत मूल्य है। सनातन धर्म हमें कर्तव्य, सदाचार और नैतिक मूल्यों के प्रति आग्रही बनाता है। सनातन धर्म का विरोध करने वाले वही लोग हैं जो जातीय विषवमन कर सामाजिक व राष्ट्रीय एकता को तार-तार करना चाहते हैं।
इस अवसर पर एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, रामलीला समिति के रेवती रमन दास, पुष्पदंत जैन, अशोक जालान, शोभित मोहनदास, आदि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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