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मुख्य समाचार

अटल-आडवाणी जैसे नेताओं को किनारे लगाने पर छोड़ा एनडीए: नीतीश कुमार

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाने को लेकर कहा कि वहां मेरा सम्मान नहीं था। विधानसभा में आज नीतीश कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी जैसे नेताओं ने मुझे सम्मान दिया था। मैंने भाजपा से ताल्लुक 2013 में तब खत्म किया, जब इन नेताओं को किनारे लगाया जाने लगा था।

नीतीश कुमार ने अपने भाषण में सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। कहा कि आज दिल्ली में लोग प्रचार-प्रसार में ही व्यस्त हैं। 2024 का प्लान पेश करते हुए उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष ही पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देगा।

यही नहीं भाजपा के ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी खुद के सीएम बनने पर भी नीतीश कुमार ने बात की। उन्होंने कहा कि सिर्फ 2020 की बात ही क्यों करते हैं। उससे पहले के चुनावों को भी याद करें, जब भाजपा के मुकाबले जेडीयू ने ज्यादा सीटें हासिल की थीं।

नीतीश कुमार ने कहा कि मैं मांग की थी कि पटना यूनिर्विसटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया जाए, लेकिन इस मांग को स्वीकार ही नहीं किया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि जब देश आजादी की जंग लड़ रहा था तो भाजपा वाले कहां थे? क्या ये लोग इस बात का जवाब दे सकते हैं।

इस दौरान भाजपा के विधायक हंगामा करने लगे तो नीतीश कुमार ने कहा कि जितना अंड-बंड बोलोगे, दिल्ली से उतना आगे बढ़ाए जाओगे। विधायकों के वॉकआउट पर भी तंज कसते हुए कहा कि ऊपर से आदेश आया होगा।

बता दें कि 10 अगस्त को नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर महागठंबधन का दामन थाम लिया था और नए सिरे से सरकार का गठन कर लिया है। आज उनकी सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। उन्हें एआईएमआईएम समेत 8 दलों ने समर्थन किया है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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