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उत्तराखंड

अंकिता से संबंध बनाना चाहता था पुलकित, एसआईटी ने लगाई और धाराएं

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अंकिता

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देहरादून। उत्तराखंड के अंकिता हत्याकांड में एसआईटी ने मुकदमे में दो और धाराएं जोड़ी हैं। अंकिता को मेहमानों के साथ पुलकित आर्य संबंध बनाने के लिए कहता था। इसके साथ ही एक मेहमान ने उसे गलत निगाह रखते हुए गले भी लगाया था। इन सब तथ्यों के आधार पर मुकदमे में अब देह व्यापार अधिनियम और आईपीसी की धारा 354 क (गलत निगाह रखना और संबंध बनाने को कहना) धारा जोड़ी है। तीनों आरोपी पौड़ी जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।

18 सितंबर को अंकिता के वनंत्रा रिजॉर्ट से गायब होने की शिकायत पर राजस्व पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन अंकिता जब नहीं मिली तो मामले को रेगुलर पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने 22 सितंबर को मामले में रिजॉर्ट के मालिक पुलकित और दो मैनेजर अंकित गुप्ता और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। इन्होंने बताया कि उन्होंने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था।

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इसके बाद पुलिस ने इस मुकदमे में हत्या (आईपीसी 302), आपराधिक षड्यंत्र (आईपीसी 120बी) और साक्ष्य छुपाना (आईपीसी 201) धाराएं जोड़ी थीं। मामले में अंकिता और उसके दोस्त के बीच बातचीत का एक स्क्रीन शॉट वायरल हुआ था। इसमें उसने दोस्त को बताया था कि पुलकित उस पर ग्राहकों से संबंध बनाने के लिए कहता है। एक मेहमान भी वहां पर आया था और नशे की हालत में गले भी लगाया था। इस मेहमान ने भी उस पर संबंध बनाने का दबाव डाला था।

यही नहीं अंकिता के दोस्त के बयान में भी आया कि एक दिन पुलकित ने भी अंकिता से संबंध बनाने की कोशिश की थी। इन सब बयानों और साक्ष्यों पर एसआईटी ने मुकदमे में आईपीसी 354 क और देह व्यापार अधिनियम की धारा जोड़ दी है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कई साक्ष्यों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। लैब से साक्ष्यों की जांच जल्द करने को कहा गया है। ताकि, मुकदमे में जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर ट्रायल शुरू कराया जा सके। कुछ वस्तुओं को केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) भी भेजा गया है। इसके लिए भी पत्राचार किया जा रहा कि जल्द पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंप दी जाए।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।

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