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ममता बनर्जी नहीं, वो मुमताज खान है: बंगाल CM पर भड़के राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

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Ram temple chief priest Satyendra Das furious at Bengal CM Mamata Banerjee

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अयोध्या। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पश्चिम बंगाल में साधुओं की पिटाई के वीडियो को लेकर सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वह ममता बनर्जी नहीं, बल्कि असल में मुमताज खान हैं। वह भगवा रंग देखते ही भड़क जाती हैं। बंगाल में हिंदुओं पर हमले और अत्याचार के पीछे खुद वहां की सीएम का ही हाथ है।

आचार्य ने कहा, ‘यह किसी व्यक्ति ने पता नहीं कहां से इनका नाम निकाला था कि मुमताज खान जो हैं, वह इस समय की ममता बनर्जी हैं। यह पहले मुमताज खान ही रही होंगी। वहां बंगाल में ही हिंदू और साधुओं के ऊपर अधिक अत्याचार होता है। रामनवमी के जूलुस पर हमला होता है। दुर्गा पूजा के पंडाल में भी इस तरह की घटनाएं होती हैं। बंगाल में हिंदुओं के ऊपर ऐसा अत्याचार इसलिए होता है क्योंकि इसके प्रतिकूल खुद वहां की मुख्यमंत्री ही हैं।’

उन्होंने कहा,’मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण से दुर्गा पूजा, रामनवमी या जो भी हिंदू अनुष्ठान हैं, इन सबको वह नकारती हैं। इसलिए साधुओं का भगवा रूप देखकर उनको और भी अधिक क्रोध आ जाता है। इसलिए वह आक्रमण कराती हैं। यह खुद मुख्यमंत्री की देन है। इस तरह की घटनाएं बहुत दुखद और घोर निंदनीय हैं।’

इस बीच पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में साधुओं के समूह को भीड़ के पीटने का वीडियो वायरल होने को लेकर बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। पश्चिम बंगाल बीजेपी ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से शेयर किए वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ममता बनर्जी की गहरी चुप्पी शर्मसार करने वाली है। क्या ये साधु आपकी मान्यता के योग्य नहीं हैं? अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है।

राम मंदिर पर ममता ने खाई अल्लाह की कसम

इससे पहले पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी ने कहा, “मुझसे राम मंदिर को लेकर पूछा गया। मैं उस उत्सव पर विश्वास रखती हूं जो सभी को साथ लेकर चले, सबके बारे में बात करे। आपको जो करना है करिए, आप चुनाव से पहले गिमिक कर रहे हैं करिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों की अवहेलना करना सही नहीं है। मैं ईश्वर-अल्लाह की कसम खाकर कहती हूं कि जबतक मैं रहूंगी तब तक कभी हिंदु-मुसलमान में भेदभाव करने नहीं दूंगी।”

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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