Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

SC का ऐतिहासिक फैसला, गर्भवती अविवाहित महिला को गर्भ गिराने की इजाजत दी

Published

on

SC asked on Article 370 - accepted India's sovereignty, then what is the claim of autonomy?

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में 24 हफ्ते की गर्भवती अविवाहित महिला को भी गर्भ गिराने की इजाजत दे दी। जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें यह बोलते हुए महिला को राहत नहीं दी गई थी कि कानून में यह अधिकार विवाहित महिलाओं के लिए ही है।

देश की सबसे बड़ी अदालत ने नसीहत देते हुए कहा कि कोर्ट का काम है अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करना। कोर्ट कोई कंप्यूटर नही है कि सिर्फ मशीनी फैसला दे दे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि कानून विवाहित महिलाओं की तरह अविवाहित लड़कियों को भी गर्भपात का समान अधिकार देता है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में महिला के विवाहित और अविवाहित होने का मुद्दा उठाया था। याचिका में कहा गया था कि कानून अविवाहित महिला के मामले में कुछ नहीं कहता है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि कानून अविवाहित महिलाओं को मेडिकल प्रक्रिया के जरिए गर्भपात के लिए समय देता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने गर्भपात पर जताई थी आपत्ति

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अविवाहित महिला को 23 हफ्तों का गर्भ गिराने की इजाजत देने में शुक्रवार को आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा भ्रूण की हत्या के बराबर है।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून अविवाहित महिलाओं को मेडिकल प्रक्रिया के जरिए गर्भपात के लिए समय देता है। विधायिका ने आपसी सहमति से संबंध को किसी मकसद से ही उन मामलों की श्रेणी से बाहर रखा है जहां 20 हफ्तों से 24 हफ्तों के बीच गर्भपात की इजाजत है।

कोर्ट ने कहा था- बच्चे को जन्म दो

चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी गर्भपात की इजाजत के लिए महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने सुझाव दिया था कि याचिकाकर्ता को तब तक कहीं सुरक्षित जगह पर रखा जा सकता है, जब तक कि वह बच्चे को जन्म न दे दे। बाद में वह उसे गोद लेने के लिए छोड़ सकती है।

चीफ जस्टिस शर्मा का कहना था कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लड़की को कहीं सुरक्षित जगह रखा जाए। इसके बाद वह डिलीवरी कराके वहां से जा सके।

नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

Continue Reading

Trending