Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

सपा गठबंधन में बढ़ी ‘खट्टास’? शिवपाल ने की सीएम योगी से मुलाक़ात, बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज़

Published

on

Loading

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के संस्थापक शिवपाल यादव के अगले कदम पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संग जाने की अटकलें हैं। बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिवपाल का पाला बदलना तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी शिवपाल की मुलाकात हो चुकी है।

प्रसपा मुखिया और जसवंतनगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव से नाराजगी के बीच बुधवार की रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर पहुंचकर सभी को चौंका दिया। दोनों के बीच करीब 20 मिनट बातचीत हुई। शिवपाल के निकलने के तुरंत बाद वहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पहुंचे। तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।

भतीजे को झटका दे बेटे को करेंगे सेट?

अभी यह साफ नहीं हुआ है कि वह भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे या अपनी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनाएंगे। सूत्रों का कहना है कि अधिक संभावना बीजेपी में शामिल होने की है। भाजपा उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने का प्रस्ताव दे रही है। जसवंतनगर की खाली होने वाली सीट पर शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़ाया जाएगा। शिवपाल सिंह यादव विधानसभा चुनाव में बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने मना कर दिया। वह बेटे के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। भाजपा के फॉर्म्युले के तहत उनकी यह चिंता दूर हो सकती है।

आजमगढ़ से लड़ाया जाएगा लोकसभा उपचुनाव?

अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ की सीट खाली किए जाने के बाद इस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है। एक चर्चा यह भी है कि शिवपाल यादव को भाजपा इस सीट से उतार सकती है। यह सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन सपा कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखने वाले शिवपाल के इस सीट से उतारे जाने से भाजपा को परिणाम हक में आने की उम्मीद है। भाजपा हर हाल में लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करना चाहेगी, जिससे 2024 से पहले एक और सकारात्मक संदेश दे सके।

क्या है नाराजगी की वजह

शिवपाल सिंह यादव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अचानक मिलना अपने आप में प्रदेश की राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत दे रहा है। सवाल है कि शिवपाल यादव का अगला कदम आखिर क्या होगा? क्या वह बहू अपर्णा की तर्ज पर भाजपा की शरण में तो नहीं जाएंगे? वैसे पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उनके भाजपा में जाने की पूरी बिसात बिछ चुकी थीं लेकिन बाद में शिवपाल खुद ही ऐन वक्त पर पीछे हट गए। वजह साफ है, बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के हाथ से सपा की बागडोर जाने के बाद शिवपाल का राजनीतिक घर ही पराया हो गया। राजनीतिक मजबूरियों के चलते विधानसभा चुनाव में अखिलेश के साथ आए लेकिन पहले वाला सम्मान न मिलने की कसक उनके दिल में हर मौके पर दिखी। मुलायम के सपा मुखिया रहते शिवपाल सपा में हमेशा नंबर दो की हैसियत में रहे। उनका सम्मान होता रहा। मगर, सपा की कमान अखिलेश के हाथ में आने के बाद सम्मान न मिलने की वजह से यह दूरियां बढ़ती गईं।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

Published

on

Loading

लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

Continue Reading

Trending