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उत्तर प्रदेश

सपा गठबंधन में बढ़ी ‘खट्टास’? शिवपाल ने की सीएम योगी से मुलाक़ात, बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज़

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के संस्थापक शिवपाल यादव के अगले कदम पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संग जाने की अटकलें हैं। बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिवपाल का पाला बदलना तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी शिवपाल की मुलाकात हो चुकी है।

प्रसपा मुखिया और जसवंतनगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव से नाराजगी के बीच बुधवार की रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर पहुंचकर सभी को चौंका दिया। दोनों के बीच करीब 20 मिनट बातचीत हुई। शिवपाल के निकलने के तुरंत बाद वहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पहुंचे। तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।

भतीजे को झटका दे बेटे को करेंगे सेट?

अभी यह साफ नहीं हुआ है कि वह भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे या अपनी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनाएंगे। सूत्रों का कहना है कि अधिक संभावना बीजेपी में शामिल होने की है। भाजपा उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने का प्रस्ताव दे रही है। जसवंतनगर की खाली होने वाली सीट पर शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़ाया जाएगा। शिवपाल सिंह यादव विधानसभा चुनाव में बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने मना कर दिया। वह बेटे के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। भाजपा के फॉर्म्युले के तहत उनकी यह चिंता दूर हो सकती है।

आजमगढ़ से लड़ाया जाएगा लोकसभा उपचुनाव?

अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ की सीट खाली किए जाने के बाद इस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है। एक चर्चा यह भी है कि शिवपाल यादव को भाजपा इस सीट से उतार सकती है। यह सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन सपा कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखने वाले शिवपाल के इस सीट से उतारे जाने से भाजपा को परिणाम हक में आने की उम्मीद है। भाजपा हर हाल में लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करना चाहेगी, जिससे 2024 से पहले एक और सकारात्मक संदेश दे सके।

क्या है नाराजगी की वजह

शिवपाल सिंह यादव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अचानक मिलना अपने आप में प्रदेश की राजनीति में बड़े उलटफेर के संकेत दे रहा है। सवाल है कि शिवपाल यादव का अगला कदम आखिर क्या होगा? क्या वह बहू अपर्णा की तर्ज पर भाजपा की शरण में तो नहीं जाएंगे? वैसे पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उनके भाजपा में जाने की पूरी बिसात बिछ चुकी थीं लेकिन बाद में शिवपाल खुद ही ऐन वक्त पर पीछे हट गए। वजह साफ है, बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के हाथ से सपा की बागडोर जाने के बाद शिवपाल का राजनीतिक घर ही पराया हो गया। राजनीतिक मजबूरियों के चलते विधानसभा चुनाव में अखिलेश के साथ आए लेकिन पहले वाला सम्मान न मिलने की कसक उनके दिल में हर मौके पर दिखी। मुलायम के सपा मुखिया रहते शिवपाल सपा में हमेशा नंबर दो की हैसियत में रहे। उनका सम्मान होता रहा। मगर, सपा की कमान अखिलेश के हाथ में आने के बाद सम्मान न मिलने की वजह से यह दूरियां बढ़ती गईं।

उत्तर प्रदेश

दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग

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गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्ध नगर जिला अक्सर चर्चा में रहता है। चाहे वो सोसाइटीज की समस्या को लेकर हो या विकास की रफ्तार को लेकर हो या फिर त्योहारों पर बिक्री को लेकर। दिवाली का त्योहार बीत गया है।

इस बीच, दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में शराब की बिक्री को लेकर जानकारी सामने आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल यहां शराब की बिक्री में 25 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। यानी दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के लोग शराब के नशे में भी खूब झूमे हैं।

दिवाली में पिया 25 करोड़ की शराब

दिवाली के जश्न के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में लोग 25 करोड़ रुपये की शराब गटक गए, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूरे अक्टूबर माह में जिले के लोगों ने 250 करोड़ रुपये शराब पर खर्च किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 204 करोड़ रुपये था।

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