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उत्तर प्रदेश

UP चुनाव: 2 महीने चले विधानसभा चुनाव, किस दल ने बहाया कितना पसीना? देखिए रिपोर्ट

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का नतीजा 10 मार्च को आएगा लिखित यह जानना भी बेहद जरूरी है कि लगभग 2 महीने चले प्रचार अभियान में किस दल ने कितना पसीना बहाया। देखते हैं यह रिपोर्ट:

UP Polling: UP elections: Final phase of polling in Uttar Pradesh on Monday - The Economic Times

विधानसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को की थी हालांकि समाजवादी पार्टी और भाजपा इससे काफी पहले अपने चुनावी अभियान को शुरू कर चुके थे। भारतीय जनता पार्टी ने कई योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाकर एक तरह से चुनावी कैंपेन की शुरुआत चुनावी घोषणा के पहले ही कर दी थी जबकि अखिलेश यादव का विजय रथ 8 अक्टूबर से ही प्रदेश में घूम रहा था। जिस वक्त चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की तब तक कोरोना की तीसरी लहर भी शुरू हो गई थी लिहाजा सभी दलों को वर्चुअल रैली का सहारा लेना पड़ा।

समाजवादी पार्टी

Samajwadi Party - Wikipedia

12 अक्टूबर 2021 को अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद लेकर कानपुर के गंगा पुल से अपने विजय रथ की शुरुआत की। कानपुर से वह हमीरपुर पहुंचे। और फिर उसके बाद उन्होंने अगले 2 महीने में लगभग आधा उत्तर प्रदेश मथ डाला। 8 जनवरी 2022 को जब चुनावों का ऐलान हुआ उस वक्त तक अखिलेश यादव यूपी के लगभग दो दर्जन जिलों में विजय रथ लेकर घूम चुके थे। चुनावों के ऐलान के बाद उन्होंने गठबंधन को लेकर जो खाका खींच रखा था उसे अमल में लेकर आए और फिर शुरू हुई रैलियों और रथ यात्राओं का दूसरा चरण। 5 मार्च को जब चुनाव अभियान की समाप्ति हुई तब तक अखिलेश यादव 117 रैलियां कर चुके थे इसके अलावा विजय यात्रा के 14 चरण निपटा चुके थे। रैलियों और विजय यात्रा का यह आंकड़ा चुनाव की घोषणा के बाद का है।अखिलेश यादव का यह कैंपेन लगभग सभी विधानसभाओं तक पहुंचा। अखिलेश यादव के अलावा उनका साथ निभाया जयंत चौधरी शिवपाल यादव ओमप्रकाश राजभर और उनके गठबंधन के दूसरे नेताओं ने। वाराणसी में 3 मार्च को ममता बनर्जी भी अखिलेश के साथ मैदान में उतरी थी लेकिन समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का सारा दारोमदार अखिलेश यादव ने खुद अपने कंधों पर उठाया।

कांग्रेस

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संगठन और ताकत मैं कमजोर समझी जाने वाली कांग्रेस पार्टी ने भी प्रचार अभियान में पूरा दमखम लगाया। हालांकि यह सच है कि कांग्रेस के बहुत सारे स्टार कैंपेनर इस अभियान में नजर नहीं आए लेकिन जो नजर आया वह था प्रियंका गांधी का दमखम। प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के प्रचार अभियान को अकेले अपने कंधे पर उठाया। प्रचार अभियान की शुरुआत होने से पहले प्रियंका गांधी लखीमपुर आगरा की घटनाओं को लेकर सरकार की नाक में दम कर चुकी थी। चुनाव घोषित होने के पहले लड़की हूं लड़ सकती हूं जैसे नारों और महिलाओं को 40 फ़ीसदी टिकट देने की घोषणा कर प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की काफी कोशिश की। चुनाव की घोषणा के बाद से प्रियंका ने कुल 167 रैलियां की उन्होंने 42 रोड शो किए। इस तरह वह प्रदेश की 340 विधानसभाओं में रैलियों रोड शो और कुछ जगहों पर नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से पहुंची। कैंपेन मैं राहुल गांधी ने इक्का-दुक्का रैलियों में प्रियंका का साथ दिया। कुछ जगहों पर भूपेश बघेल और कमलनाथ ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई लेकिन कांग्रेस की तरफ से पूरी कमान प्रियंका गांधी ने ही संभाल रखी थी।

भारतीय जनता पार्टी

Rose Valley scam: Tripura BJP welcomes CBI chargesheet, alleges Left leaders' involvement - Hindustan Times

सबसे बड़ा चुनाव प्रचार अभियान भारतीय जनता पार्टी ने अंजाम दिया। पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्रियों में स्मृति ईरानी अनुराग ठाकुर अर्जुन राम मेघवाल धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा जैसे दर्जनों नेता थे तो प्रदेश की भी पूरी यूनिट जिसमें सरकार और संगठन के दोनों के नेता थे पूरी ताकत से इस 40 दिन के प्रचार अभियान में जुटे। चुनाव की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने कुल 27 रैलियां की। सातवें चरण के प्रचार अभियान में तो प्रधानमंत्री 3 दिनों तक काशी में डेरा डाले रहे। उनके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 61 रैलियां और रोड शो किए। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैलियों और रोड शो के मामले में दोहरा शतक जड़ते हुए 202 का आंकड़ा छू लिया। बात अगर केशव प्रसाद मौर्य की करें तो उन्होंने भी सौ के आसपास रैलियां की। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने 80 रैलियां की जबकि उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने भी 40 से ज्यादा रैलियों में पसीना बहाया।

बहुजन समाज पार्टी

Bahujan samaj party: History, Significance, Photos, Members, News and Updates

चुनाव प्रचार अभियान में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती सबसे पीछे रही। आगरा से उन्होंने प्रचार अभियान की शुरुआत की और कुल 18 रेलिया ही संबोधित की। बसपा की तरफ से प्रचार की कमान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के पास रही उन्होंने पार्टी के किसी ना किसी कार्यक्रम के बहाने प्रदेश के लगभग सभी जिलों का दौरा किया दूसरी तरफ सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने प्रत्याशी लड़ा रहे जयन्त चौधरी ने भी 18 रैलियां किन इनमें से एक वाराणसी में ममता और अखिलेश के साथ सयुंक्त रैली भी थी। । इस तरह कर देखें तो प्रचार में भारतीय जनता पार्टी पहले स्थान पर रही जबकि अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेताओं को जोड़ लें तो वह दूसरे स्थान पर और कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रही। नतीजे कुछ भी हो लेकिन पसीना बहाने में सभी दलों के बड़े नेता आगे रहे।

उत्तर प्रदेश

आगरा में वायुसेना का मिग-29 विमान क्रैश, दोनों पायलट सुरक्षित

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आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सोमवार को वायुसेना का मिग-29 विमान खेतों में क्रैश हो गया। गनीमत रही कि विमान के पायलट और को पायलट पैराशूट के मदद से विमान से निकलने में कामयाब रहे।

विमान ने पंजाब के आदमपुर से उड़ान भरी थी और अभ्यास के लिए आगरा जा रहा था जब यह घटना घटी। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया जाएगा। फिलहाल घटना के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक ये हादसा आगरा के कागारौल के सोनिगा गांव के पास हुआ, जहां वायुसेना का विमान क्रैश हो गया है। लोगों ने बताया कि एयर फोर्स का विमान खाली खेतों में गिरा था और जमीन पर गिरते ही विमान में भयंकर आग लग गई और तेज लपटें उठने लगीं। विमान में पायलट समेत दो लोग मौजूद थे। फिलहाल प्लेन क्रैश के इस हादसे से किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

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