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लाइफ स्टाइल

स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है पैदल चलना, जानें क्या होगा लाभ  

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Walking can be very beneficial for health

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नई दिल्ली। एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए शारीरिक गतिविधियां बहुत जरूरी होती हैं लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी व्यस्त जिन्दगी में किसी के पास इतना समय ही नहीं है, तो ऐसे में इसका सबसे अच्छा विकल्प सुबह के समय टहलना है।

सुबह पैदल चलना हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। शारीरिक व्यायाम हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। दिल के दौरे समेत अन्य तेजी से फैलने वाली बीमारियों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए डॉक्टर्स भी यही सुझाव देते हैं कि कुछ मिनटों की सैर, व्यायाम या योग या किसी भी शारीरिक गतिविधि को शामिल करना लाभदायक है।

इसे सुनिश्चित करके व्यक्ति भविष्य में बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। एक नए अध्ययन के अनुसार, पैदल चलना सबसे सरल व्यायामों में से एक है जिसे कोई भी कर सकता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि 11 मिनट तेज चलने या समान मध्यम गति वाली शारीरिक गतिविधि हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त है।

जानते हैं वॉक करने के फायदे-

टहलना एक कम प्रभाव वाला वर्कआउट रूटीन है जो कई लाभ लाता है। प्रतिदिन कुछ कदम हमें स्वस्थ जीवन की ओर ले जा सकते हैं। चलने के फायदों से इनकार नहीं किया जा सकता है, हालांकि, जिस गति से हम चलते हैं, उससे फर्क पड़ता है।

पैदल चलने से शरीर को टोन करने और मेगा कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है, जिससे वजन घटाने की यात्रा में मदद मिलती है।

पैदल चलना खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करता है।

पैदल चलने से मधुमेह के लक्षणों और जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

पैदल चलने से दिमाग तेज होता है और दिमाग की कार्यप्रणाली में सुधार होता है।

यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है।

पैदल चलने से जोड़ों को चिकनाई मिलती है और जोड़ों को सहारा देने वाली मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

पैदल चलना ऊर्जा बढ़ाने और दिमाग को आराम देने में भी मदद करता है, जिससे हमें अच्छा महसूस होता है।

टहलने से बेहतर नींद पाने में भी मदद मिल सकती है।

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लाइफ स्टाइल

अस्थमा के मरीज सर्दियों में रखें अपना खास ध्यान, अपनाएं यह टिप्स

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Asthma patients

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नई दिल्ली। इया समय लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी में वैसे तो सभी परेशान हैं लेकिन सांस के रोगियों के लिए यह ठंड और ज्यादा मुश्किल हो सकती है। दरअसल, ऐसी कड़ाके की ठंड में अस्थमा के अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

ठंड में बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा

कड़ाके की ठंड से श्वास नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। कई बार इन नलिकाओं में इतना ज्यादा संकुचन हो जाता है कि नली एकदम पतली या कहें कि ब्‍लॉक ही हो जाती है। जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है और इस वजह से अस्‍थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

अस्थमा के मरीज इन बातों का रखें ख्याल

  1. लगातार गिरते तापमान के साथ ही अगर ठंडी हवाएं भी चल रही हो, तो बाहर टहलने या व्यायाम करने की जगह घर में हल्की-फुल्की जरूरी एक्सरसाइजेस कर लें, क्योंकि बाहर का मौसम या जिम में होने वाली नमी आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। मौसम में गर्माहट होने पर ही बाहर निकलें।
  2. सर्दी से बचने के लिए आग वाली जगह बैठना भी अवॉयड करें क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ फेफड़ों के लिए खतरनाक हो सकता है। खासतौर से अगर आप अस्थमा के मरीज हों।
  3. प्राणायाम करना अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है, इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह डायाफ्रामिक और पेट की मांसपेशियों को एक्टिव करता है, जिससे सांस लेने की परेशानी दूर होती है। कपालभाति, नाड़ीशोधन, भ्रामरी, भस्त्रिका जैसे प्राणायाम लाभकारी होते हैं।
  4. चाय, कॉफी, सूप और दूसरे तरह के गर्म लिक्विड ड्रिंक्स पीने से न सिर्फ बॉडी गर्म रहता है, बल्कि इससे बलगम की परेशानी भी दूर होती है। सांस लेना आरामदायक हो जाता है।
  5. नियमित रूप से घर की भी साफ-सफाई करते रहें। वैक्यूम क्लीनर से सफाई करने से सभी धूलकण खत्म हो जाते हैं। हवा में मौजूद धुंआ, धूल यहां तक कि रूसी भी अस्थमा के मरीजों के लिए ट्रिगर का काम करते हैं। इसलिए एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर का जरूर इस्तेमाल करें।

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डिस्क्लेमर: उक्त जानकारी महज सूचना के लिए है न कि कोई डाक्टरी सलाह। संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

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