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अन्तर्राष्ट्रीय

सोमालिया: होटल पर आतंकी संगठन अल-शबाब का हमला, तीन सैनिक समेत नौ की मौत

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Terrorist organization Al-Shabaab attack on hotel in Somalia today

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मोगादिशू। पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में समुद्र तट के किनारे एक महंगे रेस्तरां में इस्लामिक अल-शबाब आतंकवादियों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 लोग घायल हो गए। राज्य मीडिया का कहना है कि सुरक्षा बलों ने होटल पर घंटों चले चरमपंथी हमले को खत्म कर दिया है।

छह नागरिक समेत तीन सैनिकों की मौत

पुलिस ने एक बयान में कहा कि लोकप्रिय पर्ल रेस्तरां में मारे गए लोगों में छह नागरिक और तीन सैनिक थे। बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने 84 नागरिकों को बचाया, जबकि हमलावरों का पता नहीं चल पाया है। इसके अलावा, आमीन एम्बुलेंस सेवा के निदेशक अब्दिकादिर अब्दिरहमान ने कहा कि उनके समूह ने घटनास्थल से 20 घायल लोगों को निकाला था।

सोमाली पुलिस बल ने एक बयान में कहा, हमले में छह नागरिक शहीद हो गए… और 10 अन्य घायल हो गए। बचाव अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के तीन बहादुर सदस्य शहीद हो गए।”

अल-शबाब ने ली हमले की जिम्मेदारी

अल-कायदा के पूर्वी अफ्रीका सहयोगी अल-शबाब ने हमले की जिम्मेदारी ली है, जो शुक्रवार रात से शुरू हुआ था। सोमालिया स्थित चरमपंथी समूह मोगादिशु में होटलों और अन्य हाई-प्रोफाइल स्थानों पर हमले करने के लिए जाना जाता है, जो आमतौर पर आत्मघाती बम विस्फोट से शुरू होता है।

सोमाली नेशनल न्यूज एजेंसी ने ट्विटर पर कहा कि सुरक्षा बलों ने मोगादिशु के लीडो बीच में पर्ल बीच होटल पर आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार अल-शबाब आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया है।

रेस्तरां का मलबा बिखरा हुआ था

शनिवार को खून से लथपथ सड़क के चारों ओर रेस्तरां का मलबा बिखरा हुआ था। खिड़की के शीशे टूटे हुए थे। पास के एक अन्य रेस्तरां में एक वेटर हुसैन मोहम्मद ने कहा कि जब हमला शुरू हुआ तो उन्होंने एक विस्फोट के बाद गोलियों की आवाज सुनी। उन्होंने कहा, “पूरे इलाके को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है।”

पहले भी अल-शबाब के हमले में गई है लोगों की जान

इससे पहले, नवंबर में अल-शबाब ने मोगादिशु में एक अन्य होटल पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग मारे गए थे।

मई के अंत में इसके लड़ाकों ने मोगादिशु के दक्षिण-पश्चिम में 130 किमी (80 मील) की दूरी पर युगांडा के शांति सैनिकों के आवास पर हमला किया था, जिसमें 54 सैनिक मारे गए थे।

कब हुआ हमला?

हमला कल शुक्रवार को 8 बजे से ठीक पहले शुरू हुआ, जब सात हमलावरों ने मोगादिशू के समुद्र तट के साथ लीडो बीच पर एक लोकप्रिय स्थान पर्ल बीच होटल पर धावा बोल दिया। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण गोलीबारी के बाद यह तड़के लगभग दो बजे समाप्त हुआ, जिनमें से सभी लड़ाई के दौरान मारे गए।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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