अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका, बलूचिस्तान में TTP आतंकियों ने स्थापित किया राज
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना का काल बन चुके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने दावा किया है कि उन्होंने बलूचिस्तान प्रांत के अंदर एक ‘स्वतंत्र इलाका’ बना लिया है। TTP ने दावा किया कि उसने कलाता और मकरान में अपना नया प्रशासनिक जिला बनाया है। टीटीपी ने दावा किया कि शाहीन बलोच को इस नई यूनिट का गवर्नर बनाया गया है।
खोरासान डायरी की रिपोर्ट के मुताबिक इस नई यूनिट का गठन ऐसे समय पर किया गया है जब साल 2022 से अब तक कम से कम 4 बलोच ग्रुप टीटीपी में शामिल हो गए हैं। इससे पहले टीटीपी ने झोब में अपना प्रांत बना रखा था। इसके साथ ही अब हिंसा प्रभावित पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में टीटीपी ने दो नए प्रांत बना लिए हैं। इनमें से एक उत्तर और दूसरा दक्षिण में है।
इससे यह भी साबित हो गया है कि टीटीपी अब पाकिस्तान के दो प्रांतों खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान तथा पीओके हिस्सा गिलगित बाल्टिस्तान तक अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं। पत्रकार और शोधकर्ता जिया उर रहमान के मुताबिक टीटीपी ने अपने संगठन को बलूचिस्तान में दो भागों में बांट लिया है।
पाकिस्तान पर कब्जा करना चाहते हैं टीटीपी आतंकी
पिछले कुछ महीने से टीटीपी आतंकियों ने विभिन्न आतंकी गुटों के साथ मिलकर खैबर प्रांत और बलूचिस्तान में नया गठबंधन बनाया है। ये दोनों प्रांत अफगान सीमा से सटे हुए हैं। साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी के हमलों में बहुत ज्यादा तेजी आई है। इससे जहां देश में अस्थिरता आ रही है, वहीं यह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बड़ी चुनौती बन गया है।
तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान के साथ उसका रिश्ता रसातल में पहुंच गया है। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि तालिबानी टीटीपी से जुड़े लोगों को सीमा से दूसरी ओर ले जा रहे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। पाकिस्तान की सेना ने टीटीपी के साथ बातचीत शुरू की थी लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पाई।
पाकिस्तानी सेना ने साल 2022 में अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी के ठिकानों पर हमला किया था। अब ये आतंकी अमेरिकी हथियारों से लैस हैं और अक्सर पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या करते रहते हैं। टीटीपी आतंकी पूरे पाकिस्तान में अपना राज स्थापित करने का इरादा रखते हैं। वे इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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