प्रादेशिक
महिलाओं के टीकाकरण के लिए यूपी के सभी जिलों में बनाए जाएंगे पिंक बूथ
लखनऊ। प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिये योगी सरकार सोमवार से प्रदेश में विशेष टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है। इसके लिये सभी 75 जिलों में पिंक बूथ बनाए जाएंगे। इन बूथों पर केवल महिलाओं का ही वैक्सीनेशन होगा।
इसकी तैयारी के लिये सीएम योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं। उन्होंने वृहद स्तर पर प्रदेश में चल रहे टीकाकरण अभियान को गति देने के लिये नर्सिंग कॉलेजों के प्रशिक्षु विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिये कहा है। अगले सप्ताह से टीकाकरण के लिये उनका प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश दे दिये हैं।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिये 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के बाद अब योगी सरकार महिलाओं को सुरक्षा कवर देने जा रही है। सरकार की ओर से यूपी में पहले से ही 18 से 44 और 45 आयु वर्ग से ऊपर के बुजुर्गों के लिये टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सोमवार से यूपी की महिलाओं के लिये विशेष टीकाकरण का अभियान शुरू होने जा रहा है।
महिलाओं को सशक्त और स्वाबलंबी बनाने के लिये योगी सरकार ने प्रदेश में कई अहम कदम उठाए हैं। उनके कदमों को रफ्तार देने के लिये कई योजनाएं भी यूपी में संचालित की गई हैं। वर्तमान में कोविड संक्रमण से महिलाओं को बचाने के लिये यह अभियान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में महिलाओं को सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिये विशेष तैयारी की जा रही है।
यूपी में कोरोना से बचाव के लिए शुरू किये गये वृहद अभियान में अब तक प्रदेश में 01 करोड़ 98 लाख 38 हजार 187 डोज लगाए जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में 04 लाख 01 हजार 582 लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया। गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में 18 से 44 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए 5000 सेंटर, 12 साल से कम उम्र के अभिभावकों के लिए बनाए 200 बूथ और 45 की आयु से ऊपर के लोगों के लिए 3000 सेन्टर बनाये हैं। सोमवार से महिलाओं के लिये भी यूपी सरकार पिंक बूथ बनाने जा रही है।
जून माह में एक करोड़ लोगों को टीका कवर देगी योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारू रूप से चल रही है, किंतु अब इसे और तेज करने की जरूरत है। जून माह में हमारा लक्ष्य एक करोड़ लोगों को टीका-कवर देना है। जबकि जुलाई माह में इसे दो से तीन गुना तक विस्तार देने की योजना है। उन्होंने कहा है कि इसके लिये बड़ी संख्या में वैक्सीनेटर की आवश्यकता होगी।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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