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बिजनेस

सहारा में फंसा पैसा मिलना शुरू, पोर्टल पर अब तक 18 लाख ने कराया रजिस्ट्रेशन

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Sahara Refund portal

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नई दिल्ली। सहारा समूह के निवेशकों का फंसा पैसा अब वापस मिलने लगा है। आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उन निवेशकों को बड़ा तोहफा दिया। शाह ने आज दिल्ली में सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को दावा राशि हस्तांतरित की। केंद्रीय मंत्री ने 112 लाभार्थियों को 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त हस्तांतरित कर दी है। शाह का कहना है कि अब तक 18 लाख लोगों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।

कुछ दिन पहले ही लांच किया था सहारा रिफंड पोर्टल

कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल को लांच किया था। शाह ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सहारा रिफंड पोर्टल पर गांवों एवं दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों का ख्याल करते हुए प्रक्रिया में कामन सर्विस सेंटर को भी शामिल किया।

ऐसे लिया जा सकता रिफंड

देश में अभी साढ़े पांच लाख कामन सर्विस सेंटर हैं, जहां तीन सौ से अधिक तरह की ई-सेवाएं उपलब्ध हैं। इन केंद्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी, कंप्यूटर, प्रिंटर और स्कैनर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। वास्तविक निवेशक सहारा रिफंड पोर्टल पर आवेदन करने के लिए अपने निकट के कामन सर्विस सेंटर पर जाकर सहायता ले सकते हैं। आवेदन के 45 दिनों के भीतर उनके बैंक खाते में पैसे भेज दिए जाएंगे।

ऑनलाइन किया जा सकता आवेदन

सहारा में लाखों लोगों का करोड़ों में पैसा फंसा है। पैसा वापस पाने के लिए लोग पोर्टल पर दिए गए लिंक पर जाकर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, लेकिन जिन निवेशकों को पर्याप्त तकनीकी जानकारी नहीं है, उनके लिए कामन सर्विस सेंटर की व्यवस्था की गई है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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