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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत के साथ रिश्ते सबसे अहम, वीजा के लिए क्यों लग रहा इतना समय? US सांसद   

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Relationship with India most important

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वाशिंगटन। अमेरिका वीजा के लिए भारतीयों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब यह मुद्दा अमेरिका की संसद तक पहुंच गया है। अमेरिकी सांसदों ने भारतीय के लिए अमेरिका वीजा पाने में लगने वाले लंबे समय को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि भारत सबसे अहम सहयोगी है, ऐसे में जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।

भारतीयों के लिए वीजा वेटिंग 600 दिन

अमेरिका की सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के चेयरमैन सीनेटर बॉब मेनेडेज और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष माइकल वाल्टज ने भारतीयों को अमेरिकी वीजा मिलने में होने वाली देरी पर सवाल उठाया।

इस दौरान मेनेनडेज ने कहा कि अमेरिकी लोगों के भारतीयों के साथ अच्छे संबंध हैं। भारत अब क्वाड का हिस्सा है और हम लगातार भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहे हैं। इसके बावजूद भारत में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाला समय सबसे ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि बी1-बी2 वीजा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों को 450-600 दिनों की वेटिंग मिलती है। यह दुनियाभर में अमेरिकी वीजा के लिए लगने वाले औसत समय से भी ज्यादा है।

21वीं सदी में भारत के साथ रिश्ते सबसे अहम

अमेरिकी सीनेटर माइकल वाल्ट्ज ने कहा कि 21वीं सदी में अमेरिका के भारत के साथ आर्थिक, कूटनीतिक और रक्षा संबंध सबसे अहम हैं। इसके बावजूद भारतीयों को वीजा के लिए इतना लंबा इंतजार कराना तकलीफदेह है। उन्होंने कहा कि मुंबई में औसत वेटिंग पीरियड 587 दिन हैं जबकि दोनों देशों के बीच 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है।

वाल्ट्ज ने कहा कि पीएम मोदी जल्द ही अमेरिका के दौरे पर आने वाले हैं, ऐसे में हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कर रहे हैं? वाल्ट्ज ने सवाल किया कि क्या हम भारत के लिए कोई विशेष नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं या नहीं?

माइकल वाल्ट्ज ने कहा कि सिर्फ मेरे राज्य फ्लोरिडा में भारतीयों को मिलने वाले वीजा में देरी की वजह से करीब 8 बिलियन डॉलर के व्यापार का नुकसान हुआ है और 250,000 नौकरियां प्रभावित हुई हैं।

अमेरिकी वाणिज्य दूतावास विभाग ने दिया ये जवाब

अमेरिका वाणिज्य दूतावास मामलों की असिस्टेंट सचिव रीना बिटर ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि भारत में वीजा वेटिंग टाइम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बिटर ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत में हमेशा से अमेरिकी वीजा की मांग बहुत ज्यादा रही है।

हालांकि हाल के समय में उठाए गए कदमों की वजह से वहां वीजा वेटिंग टाइम में दो तिहाई की कमी आई है। इस साल भारतीयों के 10 लाख वीजा पर न्यायिक निर्णय होने की उम्मीद है। भारत स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों में स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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