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उत्तर प्रदेश

मीरजापुर के देशी बाजरा एवं ज्वार को भी मिलेगी संजीवनी, योगी सरकार ब्रांड बनाने की तैयारी में

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लखनऊ। पूरब से पश्चिम। उत्तर से दक्षिण। शहर दर शहर और कस्बों की अपनी कुछ पहचान है। न जाने कबसे यह पहचान उन जगहों के साथ ऐसी नत्थी हो गई है कि संबंधित शहर/कस्बे का नाम लेते ही उनकी पहचान बन चुकी इन चीजों का नाम भी बरबस जेहन में उभर आता है। कुछ तो इनके स्वाद एवं स्वरूप का भी अहसास कराने लगते हैं।

मसलन आगरा सिर्फ ताजमहल के लिए ही नहीं अपने तरह-तरह के फ्लेवर वाले पेठों के लिए भी जाना जाता है। ब्रज की पावन भूमि मथुरा राधा-कृष्ण के साथ अपने पेड़ों के मिठास के लिए भी प्रसिद्ध है। पूर्वांचल के मऊ जिले के गोठा कस्बे के गुड़ की सोंधी-सोंधी महक एवं मिठास के आसपास के लोग ही नहीं सारनाथ से कपिलवस्तु, लुम्बिनी, कुशीनगर जाने वाले बौद्धिस्ट भी कायल हैं। संडीला का लड्डू, खुर्जा का खुरचन और भी ऐसी तमाम चीजें हैं जो संबंधित शहर या कस्बे की पर्याय बन चुकी हैं।

अब ऐसी चीजों को योगी सरकार ब्रांड बनाने की तैयारी में है। यह एक तरीके से इन चीजों के और उत्तर प्रदेश के ब्रांड को देश-दुनिया में और विस्तार देने की पहल है। ठीक उसी तरह जैसे 2018 में ऐसी ही कुछ चीजों को सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित कर किया था। इस बार भी तरीका वही होगा। इनमें से कुछ चीजों को ओडीओपी में शामिल किया जाएगा तो कुछ को जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) दिलवाकर उनकी पहचान को और मुकम्मल किया जाएगा। यह सिलसिला शुरू भी हो चुका है। ओडीओपी को विस्तार देने के साथ ऊपर उल्लिखित उत्पादों को जीआई टैग दिलवाने की गंभीर पहल के साथ।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन एवं प्रशासन ने 100 से अधिक ऐसे उत्पादों की सूची बनाई जिनको स्थानीय खूबियों के नाते जीआई टैग दिलाने की पहल की जा सकती है। इन तमाम उत्पादों में से 21 को इस बाबत गठित हाई पॉवर कमेटी हरी झंडी दे चुकी है। लगे हाथ अपर मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में शीघ्र आवेदन देने का भी निर्देश दिया था। बचे उत्पादों पर कमेटी अगले चरण पर विचार करेगी।

जिन उत्पादों को हाई पावर कमेटी ने हरी झंडी दी है उनमें बाराबंकी एवं रामपुर का मेंथा, गोरखपुर का पनियाला, मऊ का बैगन, मेरठ की गजक, बुंदेलखंड की अरहर दाल, हाथरस का गुलाबजल, गुलकंद, बलिया का बोरो धान, एटा का चिकोरी, फर्रुखाबाद का फुलवा आलू, फतेहपुर का मालवा पेड़ा, सोनभद्र की चिरौंजी,कानपुर का लाल ज्वार, मीरजापुर का ज्वार एवं देशी बाजरा आदि भी शामिल हैं।

जीआई के लाभ

भौगोलिक संकेतक उत्पाद के लिये कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। अन्य लोगों द्वारा किसी पंजीकृत भौगोलिक संकेतक के अनधिकृत प्रयोग को रोकता है। यह संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ का भव्य आयोजन देख साधु संत बोले- सीएम योगी बने भगीरथ

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महाकुम्भनगर : महाकुम्भ में संगम स्नान के लिए भारत के हर राज्य से करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इनके अलावा साधु संत भी बड़ी तादात में आए हैं, जो गंगा किनारे धूनी रमाए आपको चौबीसों घंटे दिख जाएंगे। महाकुम्भ में इन साधु संतों का बड़ा अनोखा संसार बसा है। कोई बाबा रबड़ी खिला रहे हैं, तो कोई श्रद्धालुओं को सैर करा रहे हैं। इनके अलावा बंगाली बाबा और बड़े बाबा की बड़ी बड़ी बातें सुननी हों, तो महाकुम्भ जरूर आइए। आप इन संतों से बात करिए तो इस महान आयोजन का पूरा श्रेय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और जम्मू से बड़ी संख्या में साधु संत महाकुम्भ पहुंचे हैं। उनका कहना है कि संगम किनारे हम जो राम नाम का जप कर रहे हैं, वो योगी महराज की कृपा से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, योगी देश के इकलौते ऐसे सीएम हैं, जो पूरे विश्व के संतों और सनातनियों के बारे में सोचते हैं। साधु बोले- सीएम योगी भगीरथ बनकर नए भारत का आगाज कर रहे हैं। देशभर से महाकुम्भ नगर में जुटे संतों ने जय श्री राम का उदघोष किया। वहीं संगम पर चारो तरफ हर हर गंगे, बम बम भोले गुंजायमान हो गया।

144 वर्ष बाद यह शुभ घड़ी आई

मध्य प्रदेश से आए स्वामी तन्मयनंद पुरी बाबा बताते हैं कि 144 वर्ष बाद यह शुभ घड़ी आई है, जिसके लिए योगी सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वजह से ही संगम के किनारे रेत पर सुबह शाम साधु संत राम नाम का भजन कर पा रहे हैं। यह सब योगी महाराज की ही कृपा से संभव हो पाया है।

बीमार, असक्त या असमर्थ हैं तो भी इस तरह से कमा सकते हैं पुण्य

मेले में पहुंचे गाड़ी वाले बाबा ने बीमार, असक्त होने या अन्य किसी प्रकार से महाकुम्भ में आने में असमर्थ लोगों को गंगा स्नान का संपूर्ण लाभ लेने का उपाय बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग महाकुम्भ आने में किसी कारण से असमर्थ हैं, वह घर में ही गंगाजल लेकर बाल्टी में डालकर पवित्र स्नान करें। इससे गंगा स्नान का पूरा लाभ प्राप्त होगा। गाड़ी वाले बाबा ने योगी सरकार की जमकर प्रशंसा की।

2019 के कुम्भ मेला से भक्तों को रबड़ी बांट रहे बाबा

महाकुम्भ में एक अद्भुत प्रसाद बांटने वाले बाबा भी हैं, जो रोज 120 किलो रबड़ी का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित करते हैं। यह रबड़ी बाबा का सेवा कार्य 2019 के कुम्भ मेला से शुरू हुआ था और अब यह निरंतर चलता आ रहा है। रबड़ी बाबा के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं और उनके साथ एक अलौकिक अनुभव साझा करते हैं। उनका कहना है, यह सब मां गंगा की कृपा है, जो हमें इस पुण्य कार्य में भाग लेने का अवसर मिला है।

बड़े बाबा पूरे देश में घूम घूम कर करते हैं सनातन संस्कृति को मजबूत

बड़े बाबा पूरे देश में घूम घूम कर सनातन संस्कृति को मजबूत करते हैं। बड़े बाबा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक सफल मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि सीएम योगी की ही कृपा से यहां महाकुम्भ में इतना बड़ा इंतजाम किया गया है। इतने अफसर कर्मचारी और मजदूर यहां तैनात किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए दिन-रात व्यवस्था में लगे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 100 में 102 नंबर दिए।

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