हेल्थ
बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 2,364 नए मामले, 10 लोगों की मौत
नई दिल्ली। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 2,364 नए मामले दर्ज किए गए। मंगलवार के मुकाबले बुधवार को कोरोना के मामलों में 535 मरीजों का इजाफा हुआ है। बुधवार को कोरोना के 1829 मामले सामने आए थे। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज अपडेट की गई है।
दर्ज की गई दस नई मौतें
मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान 2,582 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं जबकि 10 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही एक्टिव केस घटकर अब 15,419 हो गए हैं। डेली पाजिटिविटी दर 0.50 फीसद हो गई है।
अब देश में संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा 4,31,29,563 हो गया। वहीं महामारी की शुरुआत से अब तक देश में होने वाली मौतों की कुल संख्या 5,24,303 है।
वर्तमान में देश में सक्रिय मामलों का आंकड़ा कुल संक्रमितों का 0.04 फीसद है जबकि रिकवरी रेट 98.75 फीसद हो गया है। 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 228 की कमी दर्ज की गई है। प्रतिदिन का पाजिटिविटी रेट 0.50 फीसद दर्ज हुआ है और साप्ताहिक पाजिटिविटी रेट 0.55 फीसद है।
लाइफ स्टाइल
अस्थमा के मरीज सर्दियों में रखें अपना खास ध्यान, अपनाएं यह टिप्स
नई दिल्ली। इया समय लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी में वैसे तो सभी परेशान हैं लेकिन सांस के रोगियों के लिए यह ठंड और ज्यादा मुश्किल हो सकती है। दरअसल, ऐसी कड़ाके की ठंड में अस्थमा के अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
ठंड में बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का खतरा
कड़ाके की ठंड से श्वास नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। कई बार इन नलिकाओं में इतना ज्यादा संकुचन हो जाता है कि नली एकदम पतली या कहें कि ब्लॉक ही हो जाती है। जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है और इस वजह से अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
अस्थमा के मरीज इन बातों का रखें ख्याल
- लगातार गिरते तापमान के साथ ही अगर ठंडी हवाएं भी चल रही हो, तो बाहर टहलने या व्यायाम करने की जगह घर में हल्की-फुल्की जरूरी एक्सरसाइजेस कर लें, क्योंकि बाहर का मौसम या जिम में होने वाली नमी आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकती है। मौसम में गर्माहट होने पर ही बाहर निकलें।
- सर्दी से बचने के लिए आग वाली जगह बैठना भी अवॉयड करें क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ फेफड़ों के लिए खतरनाक हो सकता है। खासतौर से अगर आप अस्थमा के मरीज हों।
- प्राणायाम करना अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है, इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह डायाफ्रामिक और पेट की मांसपेशियों को एक्टिव करता है, जिससे सांस लेने की परेशानी दूर होती है। कपालभाति, नाड़ीशोधन, भ्रामरी, भस्त्रिका जैसे प्राणायाम लाभकारी होते हैं।
- चाय, कॉफी, सूप और दूसरे तरह के गर्म लिक्विड ड्रिंक्स पीने से न सिर्फ बॉडी गर्म रहता है, बल्कि इससे बलगम की परेशानी भी दूर होती है। सांस लेना आरामदायक हो जाता है।
- नियमित रूप से घर की भी साफ-सफाई करते रहें। वैक्यूम क्लीनर से सफाई करने से सभी धूलकण खत्म हो जाते हैं। हवा में मौजूद धुंआ, धूल यहां तक कि रूसी भी अस्थमा के मरीजों के लिए ट्रिगर का काम करते हैं। इसलिए एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर का जरूर इस्तेमाल करें।
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डिस्क्लेमर: उक्त जानकारी महज सूचना के लिए है न कि कोई डाक्टरी सलाह। संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।
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