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प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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उत्तर प्रदेश

रवि किशन ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, सीएम योगी के प्रयासों को सराहा

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महाकुम्भ नगर। गोरखपुर के सांसद और बॉलीवुड के सुपरस्टार रवि किशन ने शुक्रवार को त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। इस अवसर पर रवि किशन ने कहा की बड़े सौभाग्य से 144 वर्षों के बाद यह महाकुम्भ आया है। इस महाकुम्भ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए महाराज योगी जी ने बहुत विकास कार्य कराए हैं। यह दिव्य महाकुम्भ है और इस दिव्य महाकुम्भ में स्नान का अवसर आज मुझे मिला है। जो इस पुण्य अवसर पर महाकुम्भ नहीं आया, जिसने यहां संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी नहीं लगाई, मानो उसका जीवन व्यर्थ है। उन्होंने सभी देशवासियों से प्रयागराज में आकर संगम स्नान करने की अपील की।

प्रयागराज का विकास सबको नजर आ रहा

रवि किशन ने कहा की महाकुम्भ को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को प्रयागराज का विकास स्वत: देखने को मिल रहा है। डबल इंजन की सरकार ने मिलकर इस बार पूरे प्रयागराज का काया पलट कर दिया है। यह पुण्य अवसर 144 सालों के बाद आया है। इस सुअवसर पर हर देशवासी, हर सनातन धर्मावलंबी को यहां आकर संगम त्रिवेणी में स्नान करना चाहिए। यहां स्नान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होगी।

जो 2027 में हारने वाले हैं, वही महाकुम्भ का अपमान कर रहे

महाकुम्भ में 6 दिन के अंदर 7 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की संख्या पर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर रवि किशन ने कहा कि जो लोग 2027 में हारने जा रहे हैं, वही इस महा आयोजन पर उंगली उठा रहे हैं। यह महाकुम्भ आ रहे श्रद्धालुओं का अपमान है, सनातन धर्म का अपमान है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है। यहां जो भी आ रहा है वह अपनी आंखों से भीड़ को देख रहा है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के महाकुम्भ आने की खबरों पर उन्होंने कहा कि सबको यहां आकर डुबकी लगानी चाहिए।

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