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अन्तर्राष्ट्रीय

राहुल गांधी मामले पर जर्मन सरकार की प्रतिक्रिया, भारत को दी यह नसीहत  

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German government reaction on Rahul Gandhi case

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बर्लिन। लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द जाने पर जर्मनी की सरकार ने बयान जारी किया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विपक्षी नेता राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होने चाहिए।

बता दें कि राहुल गांधी मामले पर किसी यूरोपीय देश की यह पहली प्रतिक्रिया है। इससे पहले अमेरिका ने भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

क्या कहा जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि ‘हमें पता चला है कि राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उसके बाद साफ होगा कि फैसला किस आधार पर दिया गया और क्या उन्हें संसद सदस्यता से बर्खास्त करने का कोई आधार था या नहीं।’

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होंगे।’ इस बयान के बाद अभी तक भारतीय विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

मानहानि मामले में गई राहुल गांधी की सदस्यता

बता दें कि मोदी सरनेम को लेकरकी गई एक टिप्पणी के मामले को लेकर मानहानि केस में बीते दिनों सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई। जिसके बाद कानून के मुताबिक राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई। फिलहाल राहुल गांधी जमानत पर जेल से बाहर हैं।

अमेरिका ने भी जारी किया बयान

जर्मनी से पहले अमेरिका की सरकार ने भी इस मामले पर मीडिया से बातचीत में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि राहुल गांधी मामले पर हमारी नजर है। हम इस मुद्दे पर भारत सरकार के भी संपर्क में हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में इमरान खान को 14 साल की सजा, पत्नी बुशरा को भी 7 साल की जेल

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट के 190 मिलियन पाउंड के जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल की सजा सुनाई है। इमरान की पत्नी बुशरा को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है। फैसला एंटी करप्शन कोर्ट के जज नासिर जावेद राणा ने सुनाया। इसके लिए अदियाला जेल के अंदर ही एक अस्थायी कोर्ट बनाई गई थी। कोर्ट ने इमरान खान पर 10 लाख और उनकी पत्नी बुशरा पर 5 लाख का फाइन भी लगाया।

अदियाला जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया गया, जिसके बाद बुशरा को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया गया। आम चुनावों के तुरंत बाद 27 फरवरी, 2024 को दंपति पर इस मामले में आरोप तय किए गए थे। सुनवाई से पहले अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, “आप पिछले दो सालों में हुए अन्याय का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर निष्पक्ष फैसला होता है, तो इमरान और बुशरा बरी हो जाएंगे।”

इस मामले में आरोप लगाया गया कि इमरान और बुशरा बीबी ने बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की, ताकि पिछली पीटीआई सरकार के दौरान यूनाइटेड किंगडम की तरफ से पहचाने गए और देश को लौटाए गए 50 अरब रुपये को वैध बनाया जा सके। इमरान खान को 2023 से कई आरोपों में जेल में बंद हैं। उनका दावा है कि सभी मामले ‘राजनीति से प्रेरित’ थे।

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