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उत्तर प्रदेश

महराजगंज और बहराइच ने विकास कार्यों और राजस्व के मामलों के निस्तारण में मारी बाजी

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लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश के विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने एवं राजस्व के मामलों के निपटारे को लेकर हमेशा गंभीर रहती है। यही वजह है कि प्रदेश में विकास कार्यों के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट गुणवत्ता के साथ ससमय पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा राजस्व के मामलों को भी तेजी से निस्तारित किया जा रहा है। इसकी मॉनीटरिंग सीएम डैशबोर्ड द्वारा की जाती है। सीएम डैशबोर्ड की नवंबर माह की रिपोर्ट में महराजगंज ने विकास कार्यों और राजस्व के मामलों के निपटारे में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि बहराइच ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है।

महराजगंज ने 89.20 प्रतिशत अंक के साथ पहला स्थान प्राप्त किया

महराजगंज जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जिले में विकास कार्यों को तेज रफ्तार से अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसके साथ सीएम योगी के निर्देश पर प्राथमिकता के आधार पर राजस्व के मामलों का खास कर 5 साल पुराने मामलों का तेजी से निस्तारण किया जा रहा है। यही वजह है कि महराजगंज ने योगी सरकार के विकास कार्यों और राजस्व के मामलों के निस्तारण में नवंबर माह में पूरे प्रदेश में 89.20 प्रतिशत अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। डीएम ने बताया कि पिछले पांच माह से महराजगंज सीएम डैशबोर्ड की रिपोर्ट में टॉप फाइव जिलों में अपना स्थान बनाए हुए है। बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि बहराइच ने 89.10 प्रतिशत अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उन्हाेंने बताया कि बहराइच लगातार प्रशासनिक सुधारों और योगी सरकार की योजनाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए तेजी से काम कर रहा है। राजस्व मामलों का त्वरित निस्तारण, किसानों और छोटे व्यापारियों को सहूलियत देने के प्रयासों ने बहराइच को यह स्थान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

हमीरपुर ने तीसरा तो अम्बेडकर नगर ने प्राप्त किया चौथा स्थान

इसी तरह हमीरपुर ने 88.80 प्रतिशत अंक हासिल कर तीसरा, अम्बेडकर नगर ने 88.30 प्रतिशत अंक और बुलंदशहर ने 88.30 प्रतिशत अंक हासिल कर क्रमशः चौथे और पांचवे स्थान पर अपनी जगह बनाई है। वहीं कुशीनगर ने 88.20 प्रतिशत अंक हासिल कर छठा, संभल ने 88 प्रतिशत अंक हासिल कर सातवां, शामली ने 87.80 प्रतिशत अंक हासिल कर आठवां, बस्ती ने 87.70 प्रतिशत अंक हासिल कर नौवा और बांदा ने 87.10 प्रतिशत अंक हासिल कर दसवां स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के विकास कार्यों, सरकार की योजनाओं का लाभ लाभार्थी तक पहुंचाने एवं राजस्व के मामलों के निस्तारण की मॉनीटरिंग करने के लिए सीएम डैशबोर्ड की स्थापना की थी। इसी के तहत सीएम डैशबोर्ड की ओर से हर माह प्रदेश के सभी 75 जिलों की रिपोर्ट जारी की जाती है। इस रिपोर्ट काे आंकलन योगी सरकार द्वारा तय किये गये 10 पूर्णांक और प्रतिशत के अनुसार जारी किया जाता है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में राजस्व विभाग की कई योजनाएं प्रभावी तरीके से लागू की जा रही हैं। इसमें खासकर किसानों की भूमि संबंधी विवादों का निस्तारण, राजस्व अभिलेखों का डिजिटलीकरण और गरीबों को सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ पहुंचाना आदि शामिल है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के बरेली से बड़ी खबर, 9 साल से शिक्षा विभाग में नौकरी कर रही महिला निकली पाकिस्तानी

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बरेली। उत्तर प्रदेश स्थित बरेली में पाकिस्तानी महिला के शिक्षा विभाग में नियुक्ति का मामला सामने आया है. जहां महिला ने फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में 9 साल तक नौकरी की. इस बीच मिली शिकायत पर एलआईयू मामले की जांच चल रही थी. तो मामले में पता चला कि शिक्षिका शुमायला खान के माता पिता की नागरिकता पाकिस्तान की है. इस बात की पुष्टि एसडीएम रामपुर ने भी अपनी रिपोर्ट में कर दी. विभाग ने कार्रवाई करते हुए कुछ समय पूर्व उसे अध्यापिका की नौकरी से हटा दिया. फिलहाल बरेली की फतेहगंज पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने कहा कि साल 2015 में इनकी नियुक्ति हुई थी. एलआईयू जांच में पता चला कि इनके माता पिता पाकिस्तानी हैं. रामपुर की रहने वाली शुमायला के इस मामले में हमने एसडीएम से वार्ता की. एसडीएम की ओर से जांच की गई और निवास प्रमाण पत्र निरस्त किया गया. इसके बाद आरोपी पर एफआईआर दर्ज कराई गई.

कभी लगा नहीं कि पाकिस्तानी हैं.

स्कूल में कार्यरत प्रधान अध्यापक परम कृष्ण पाल ने कहा कि उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए शुमायला की ज्वाइनिंग कराई गई थी. ऐसा तो कभी नहीं लगा था कि ऐसा कुछ होगा. कभी पाकिस्तान की बात नहीं की थी. रामपुर का ही एड्रेस बताती थीं. उनकी मम्मी भी बेसिक में ही थी.

उन्होंने कहा कि पढ़ाने में भी अच्छी टीचर थीं. ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि वह पाकिस्तान को सपोर्ट करती है. यह जानकर थोड़ा हुआ कि उनकी नौकरी गई लेकिन उन्हें भी तथ्य नहीं छिपाने चाहिए थे.

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