अन्तर्राष्ट्रीय
यूक्रेनी ड्रोन ने ईंधन भंडारण केंद्र को बनाया निशाना, तबाह किए 10 रूसी टैंक
कीव/मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए अब करीब 14 महीने हो चुके हैं। अपनी जबरदस्त सैन्य और हथियारों की क्षमता की वजह से दोनों देशों की इस लड़ाई में अब तक पलड़ा रूस का ही भारी रहा है। हालांकि, यूक्रेन ने भी रूसी सैनिकों को सीमाई क्षेत्रों तक सीमित करने में काफी हद तक सफलता पाई है।
इतना ही नहीं यूक्रेन ने कई मौकों पर रूस के अंदर घुसकर भी हमलों को अंजाम दिया है। रूसी सेना से मुकाबले की इसी कड़ी में शनिवार को यूक्रेन की तरफ से क्रीमिया में ड्रोन हमलों को अंजाम दिया गया।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस हमले में रूस के ईंधन भंडारण केंद्र का बड़ा हिस्सा तबाह हुआ है। रूस की ओर से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक, यूक्रेनी ड्रोन ने क्रीमिया के सेवास्तोपोल बंदरगाह पर हमला किया, जिसमें यहां के ईंधन भंडारण केंद्र को निशाना बनाया गया।
यूक्रेन के एक खुफिया सैन्य अफसर ने दावा किया कि केंद्र में तेल ले जाने वाले 10 टैंक, जिनकी क्षमता 40 हजार टन के करीब थी, को तबाह कर दिया गया है। इनका इस्तेमाल रूस के काला सागर में तैनात नौसैनिक बेड़े द्वारा किया जाना था।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपनी जमीन पर बढ़ते रूसी हमलों के खिलाफ करारा जवाब देने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया था कि यूक्रेनी सेना रूस के हमलों का जवाब देने में कारगर है और अपनी जमीन छुड़ाने में भी सक्षम है।
बता दें कि यूक्रेन लगातार क्रीमिया को अपना हिस्सा बताता रहा है। इस क्षेत्र पर 2014 के बाद से ही रूस ने सैन्य अभियान चलाकर कब्जा कर लिया था। हालांकि, मॉस्को का आरोप है कि कीव ने अब तक क्रीमिया पर हमले के लिए कई हवाई और समुद्र से संचालित होने वाले ड्रोन्स का सहारा लिया है।
सेवास्तोपोल के रूस समर्थित गवर्नर मिखाइल रैजवोझेव ने कहा कि हमले के लिए आए कई सारे ड्रोन्स में सिर्फ एक ही ड्रोन तेल के टैंकर पर हमले में सफल हो पाया। उन्होंने कहा कि दुश्मन सेवास्तोपोल पर अचानक हमला कर के हमें चौंकाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन रूस के दमकलकर्मियों ने दिखा दिया एक बड़ी आग को कैसे बुझाते हैं और तबाही को कैसे रोकते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में इमरान खान को 14 साल की सजा, पत्नी बुशरा को भी 7 साल की जेल
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट के 190 मिलियन पाउंड के जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल की सजा सुनाई है। इमरान की पत्नी बुशरा को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है। फैसला एंटी करप्शन कोर्ट के जज नासिर जावेद राणा ने सुनाया। इसके लिए अदियाला जेल के अंदर ही एक अस्थायी कोर्ट बनाई गई थी। कोर्ट ने इमरान खान पर 10 लाख और उनकी पत्नी बुशरा पर 5 लाख का फाइन भी लगाया।
अदियाला जेल के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया गया, जिसके बाद बुशरा को अदालत कक्ष से गिरफ्तार कर लिया गया। आम चुनावों के तुरंत बाद 27 फरवरी, 2024 को दंपति पर इस मामले में आरोप तय किए गए थे। सुनवाई से पहले अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने कहा, “आप पिछले दो सालों में हुए अन्याय का अंदाजा लगा सकते हैं। अगर निष्पक्ष फैसला होता है, तो इमरान और बुशरा बरी हो जाएंगे।”
इस मामले में आरोप लगाया गया कि इमरान और बुशरा बीबी ने बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की, ताकि पिछली पीटीआई सरकार के दौरान यूनाइटेड किंगडम की तरफ से पहचाने गए और देश को लौटाए गए 50 अरब रुपये को वैध बनाया जा सके। इमरान खान को 2023 से कई आरोपों में जेल में बंद हैं। उनका दावा है कि सभी मामले ‘राजनीति से प्रेरित’ थे।
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