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अन्तर्राष्ट्रीय

घुटने पर आ रहा है पाकिस्तान, भारत के साथ बातचीत के लिए लगा गिड़गिड़ाने

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athar abbas pakistan army

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इस्लामाबाद। खराब आर्थिक स्थिति ने पाकिस्तान की पूरी अकड़ निकाल दी है और अब वह भारत के साथ बातचीत के लिए लगभग गिड़गिड़ाने की हालत में पहुंच गया है। बता दें कि पाकिस्तानी सेना के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत के साथ बात करना पाकिस्तान की जररूत है।

14वें कराची लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन पाकिस्तानी सेना की शाखा आईएसपीआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतहर अब्बास भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के पूर्व डीजी ने कहा कि बातचीत, आज के समय में देश की जरूरत है। बातचीत को आगे बढ़ाना सिर्फ सरकार या सेना का काम नहीं है। क्योंकि अगर आप सारी जिम्मेदारी उन पर छोड़ देंगे तो बात आगे नहीं बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि मीडिया, बिजनेस और व्यापार के जरिए शुरुआत की जा सकती है। इससे भारतीय समाज में बातचीत के लिए माहौल तैयार होगा। जिससे सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनेगा। साथ ही अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की भी इसमें बाहरी दबाव बना सकते हैं।

अतहर अब्बास ने कहा कि अतीत में भारत और पाकिस्तान ने बातचीत शुरू करने के कई मौके आए थे लेकिन सब गंवा दिए गए। इसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा  बस में सवार होकर लाहौर आने और फिर पाकिस्तान के पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ के आगरा जाने का जिक्र किया।

उन्होंने पाकिस्तान के राजनीतिक रूप से अस्थिर हालात पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब आप आपस में लड़ रहे हैं तो ऐसे माहौल में बातचीत नहीं हो सकती। पाकिस्तानी सेना के पूर्व शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अस्थिर पाकिस्तान भारत के लिए भी नुकसानदायक है। ऐसे में हम सिर्फ इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि सरकार ही भारत से बातचीत करेगी।

बता दें कि इन दिनों पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यही वजह है कि वहां की सेना हो या फिर सरकार सभी एक सुर में भारत से बातचीत की गुहार लगा रहे हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद भारत से बातचीत करने की अपील कर चुके हैं और उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने अपना सबक सीख लिया है। हालांकि अभी तक भारत सरकार की तरफ से बातचीत की कोई पहल नहीं हुई है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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